चमोली . उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा में रविवार को आई जल प्रलय ने भारी तबाही मचाई है. इस हादसे में अब भी 206 लोग लापता है इनमें से बिजली परियोजना की सुरंग में फंसे हुए करीब 25-35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है. मंगलवार को रैणी गांव स्थित ऋषिगंगा परियोजना की साइट से चार और शव मिले. इस तरह कुल मृतकों की संख्या 32 तक पहुंच गई है.

रैणी-तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है. टनल के अंदर मौजूद टनों मलबा बचाव कार्य में बाधा बन रहा है. सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है. लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है.

तपोवन परियोजना में दो सुरंग हैं. दो किमी लंबी मुख्य टनल पूरी तरह बंद है. इसका मुहाना भी पूरी तरह मलबे में दबा है. मुख्य टनल से 180 मीटर लंबी दूसरी टनल जुड़ती है. इसी टनल से रास्ता खोलने का प्रयास चल रहा है. इस दूसरी टनल के साथ एक 450 मीटर लंबी सहायक टनल भी है, जहां करीब 30 मजदूरों के फंसे होने की सम्भावना है. जबकि पांच मजदूर दो किमी लम्बी मुख्य टनल में फंसे हुए है. लेकिन मंगलवार शाम तक भी 150 मीटर तक ही बचाव दल के सदस्य जा पा रहे हैं, जिसमें जेसीबी 120 मीटर तक ही पहुंच पाई है.