नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार 10 फरवरी को एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष पर निशान साधा. उन्होंने लोकसभा में कहा कि किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं, आंदोलनजीवियों ने इसे अपवित्र किया है.

उन्होंने कहा, आंदोलन का नया तरीका है. आंदोलनकारी ऐसे तरीके नहीं अपनाते हैं, आंदोलनजीवी ही ऐसे तरीके अपनाते हैं. उनका कहना होता है कि ऐसा होगा तो ऐसा हो जाएगा. जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है. यह चिंता का विषय है. यह देश के लिए चिंता का विषय है.

पीएम ने कहा, जब तथ्यों के आधार पर बात नहीं टिकती है तो ऐसा हो जाता है जो अभी हुआ है. आशंकओं को हवा दी जाती है. माहौल आंदोलनजीवी पैदा करते हैं. किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है. यह जरूरी है. जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने के लिए निकलते हैं तो क्या होता है? उन्होंने कहा, कोई मुझे बताए तीन नए कृषि कानूनों की बात हो और जेल में बंद संप्रदायवादी, आंतकवादी और नक्सली जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर मांग करना, ये किसान आंदोलन को अपवित्र करने की मांग है या नहीं?

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश में टोल प्लाजा को सभी सरकार ने स्वीकार किया. इसे तोड़ दिया गया. ये तरीके आंदोलन को अपवित्र करने का प्रयास है कि नहीं? टेलीकॉम के टावर तोड़ दिए गए, ये किसान आंदोलनकारियों की मांग है क्या? ये काम आंदोलनकारियों ने नहीं आंदोलनजीवियों ने किया है. देश को आंदोलनजीवियों से बचाना होगा. देश को गुमराह करने वालों को पहचानना होगा.

पीएम मोदी ने पीएम मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कहा कि ये नया कानून किसी के लिए बंधन नहीं है. इसमें ऑप्शन है. कोई कहीं भी सामान बेच सकता है. चाहे तो वह इस कानून को अमल में नहीं लाए. बता दें कि करीब 80 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसान संगठन तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. विपक्षी दलों का भी आंदोलनकारी किसानों का साथ मिला है.