नई दिल्ली. टेस्ला की ओर से बिटक्वाइन में निवेश की बात से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमतें 44 हजार डॉलर से ज्यादा बढ़ गईं. लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले इस रैली में शामिल होने से हिचकिचा रहे हैं. इन निवेशकों के बीच यह आशंका गहरा रही है कि सरकार बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का फैसला कर सकती है.
भारत में उन निवेशकों ने अब कानूनी मदद लेने की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया है, जिन्होंने यह बिटक्वाइन या ऐसी ही कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है. दरअसल मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एक हाई लेवल कमेटी ने सरकार की ओर से जारी की गई क्रिप्टोकरेंसी को छोड़ कर सभी को बैन करने की सिफारिश की है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक देश में डेढ़ से दो करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरंसी खरीद गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की इजाजत
भारत में पहले आरबीआई ने बिटक्वाइन ट्रेडिंग को इजाजत देने से इनकार कर दिया था लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने आरबीआई के उस बैन को खत्म कर दिया, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी के लिए बैंकिंग सुविधा देने से रोक दिया गया था. अब जबकि एलन मस्क की कंपनी ने बिटक्वाइन में बड़े निवेश का ऐलान किया है तो लोगों का ध्यान एक बार फिर इस क्रिप्टोकरेंसी की ओर गया और इसमें खरीदारी बढ़ गई है.
देश में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध
भारतीय एक्सचेंजों में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं. इनमें बिटक्वाइन के अलावा, रिपल, एथेरियम, लाइटक्वाइन, बिटक्वाइन कैश और मोनेरो जैसी करेंसी शामिल हैं. इंडियन एक्सचेंजों में तीन तरह के बिटक्वाइन उपलब्ध हैं. इनमें बाइयूक्वाइन, लोकल बिटक्वाइन और यूनोक्वाइन शामिल हैं. बाइयूक्वाइन की कीमत 36 लाख 7,500 रुपये से ऊपर चल रही है. दूसरी कई कंपनियों ने भी बिटक्वाइन में निवेश किया है. माइक्रोस्ट्रेटजी इंक ने 1.1 बिलियन डालर इस पर खर्च किए हैं.