नई दिल्ली. आप कार ड्राइव करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. अगर आप नेशनल हाईवे से सफर करते हैं तो आपको फास्टैग में मिनिमम बैलेंस रखने की चिंता करने की जरूरत नहीं है. एनएचएआई ने फास्टटेग का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए मिनिमम बैलेंस की शर्त को खत्म कर दिया है. हालांकि यह सुविधा सिर्फ कार, जीप या वैन के लिए ही है, कमर्शियल व्हीकल के लिए अब भी मिनिमम बैलेंस अनिवार्य है.
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का कहना है कि अब फास्टैग को जारी करने वाले बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा कोई मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं कर सकते. दरअसल, पहले बैंकों की ओर से फास्टटेग में सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा मिनिमम बैलेंस रखने की भी शर्त थी. बैंक कस्टमर्स से 150 रुपये से लेकर 200 रुपये तक मिनिमम बैलेंस रखने को कहते थे. फास्टटेग वॉलेट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने की वजह से टोल प्लाजा पर यात्रियों को आगे जाने की इजाजत नहीं मिलती थी, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था.
बैलेंस कम तो भी टोल प्लाजा पार कर सकेंगे
एनएचएआई ने अब फैसला किया है कि ड्राइवर्स को अब टोल प्लाजा से गुजरने की तब तक अनुमति दी जाएगी, जब तक कि फास्टटेेग खाते/वॉलेट में निगेटिव बैलेंस नहीं है. यानी अगर फास्टैग अकाउंट में कम पैसे हैं लेकिन नेगेटिव नहीं है तो भी कार को टोल प्लाजा पार करने की अनुमति होगी. भले ही टोल प्लाजा पार करने के बाद फास्टैग अकाउंट निगेटिव क्यों नहीं हो जाए. अगर ग्राहक उसे रिचार्ज नहीं करता है तो निगेटिव अकाउंट की रकम बैंक सिक्योरिटी डिपॉजिट से वसूल कर सकता है.
फास्टटेग से कलेक्शन 80 परसेंट
इस समय देश भर में 2.54 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर हैं. नेशनल हाईवे पर कुल टोल कलेक्शन में फास्टटेग का हिस्सा 80 परसेंट है. इस समय फास्टटेग के जरिए रोजाना टोल कलेक्शन 89 करोड़ रुपये को पार कर गया है. आपको बता दें कि 15 फरवरी 2021 से फास्टैग के जरिए टोल प्लाजा पर भुगतान अनिवार्य हो जाएगा. एनएएचएआई का लक्ष्य है कि देश भर में टोल प्लाजा पर 100 परसेंट कैशलेस टोल बन जाएं.