वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के भेलूपुर थाने में दर्ज एक एफआईआर चर्चा में बनी हुई है. इस एफआईआर में कुल 18 लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इन 18 लोगों में एक नाम ऐसा है, जिस पर सबसे ज्यादा चर्चा है. यह नाम है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का. उनके खिलाफ आईटी एक्ट और साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल, यह एफआईआर न्यायालय के आदेश के बाद 6 फरवरी को दर्ज की गई है. वाराणसी के गौरीगंज इलाके में रहने वाले गिरिजा शंकर ने यह एफआईआर दर्ज कराई है. गिरिजा शंकर का आरोप है कि व्हाट्सएप के एक ग्रुप में एक वीडियो द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई
गिरिजा शंकर ने उक्त नम्बर पर कॉल कर के वीडियो पर सवाल उठाया, जिसके बाद यूट्यूब पर एक वीडियो डाला गया. इसमें कथित तौर पर गिरिजा शंकर का मोबाइल नम्बर डाल दिया गया. तब से लगातार उन्हें उनके मोबाइल पर जान से मारने की धमकी वाले कॉल आ रहे हैं.
गिरिजा शंकर का मोबाइल नम्बर यूट्यूब पर डालने वाले व्यक्ति का नाम विशाल सिंह है, जिसने यूट्यूब पर एक वीडियो बनाया और गिरिजा शंकर का नम्बर उसमें डालते हुए एक गाना बनाया कि इस व्यक्ति द्वारा उसे जान का खतरा है. तभी से गिरिजा शंकर को अब 8500 कॉल आ चुके हैं, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी और गाली दी जा रही है.
गिरिजा शंकर ने मामले को लेकर न्यायालय में 156 के तहत गुहार लगाई, तब न्यायालय ने भेलूपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा कर जांच के आदेश दिए. जिसके बाद पीडि़त गिरिजा शंकर ने भेलुपर थाने में 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
इन 18 लोगों में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई समेत गूगल के अन्य दो अधिकारी का नाम भी शामिल है, जिनपर आईटी एक्ट और साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. भेलूपुर थानाध्यक्ष अमित मिश्रा ने बताया कि पीडि़त गिरिजा शंकर द्वारा ये एआईआर लिखवाई गई है, जिसमें गूगल के सीईओ भी शामिल हैं.
मुकदमा पंजीकृत कर जांच की जा रही है. देश में अभी ट्विटर पर कंटेंट को लेकर ट्विटर से बात चल हो रही है. ऐसे में अब गूगल के सीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना खासा चर्चा का विषय है.