कोटा. ऑल इण्डिया रेलवेमेन्स फैडरेशन के आव्हान पर आज वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन कोटा मंडल द्वारा मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के समक्ष विशाल धरना देकर आम सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर यूनियन के पदाधिकारियों ने केेंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि रेल कर्मचारियों की सभी मांगों को मानना ही होगा और ट्रेड अप्रेंटिस को नौकरी दिया जाए.

यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान ने बताया कि ऑल इण्डिया रेलवेमैन्स फैडरेशन द्वारा रेल मंत्रालय तथा रेलवे बोर्ड को रेलकर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है, फिर भी रेल प्रशासन रेलकर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि रेलकर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते तथा सुविधाओं में कटौती करने पर अमादा है. इसी प्रकार रेलवे में कोर्स पूर्ण कर चुके एक्ट अप्रेन्टिसों को रेलवे में नियुक्त नहीं किया जा रहा है, जबकि एक्ट अप्रेन्टिस रेलवे में 2 से 3 वर्ष कार्य करने के पश्चात रेलवे का कार्य बेहतर तरीके से कर रहे है. फिर भी रेल प्रशासन कोर्स पूर्ण कर चुके रेलवे एक्ट अप्रेन्टिसों को स्थाई नियुक्ति नहीं दे रही है. भारतीय रेलवे में सबसे पहले एक्ट अप्रेन्टिसों ने 4 वर्ष तक प्रचंड आन्दोलन कर कोटा में चेयरमेन रेलवे बोर्ड ने कोटा की धरती पर डब्ल्यूसीआरईयू के मंच से एक्ट अप्रेन्टिसों को स्थाई नियुक्ति की घोषणा की थी. इन सभी समस्याओं को लेकर रेल प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु एक दिवसीय विशाल धरने व प्रदर्शन का आयोजन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के समक्ष आयोजित किया. जिसमें बड़ी संख्या में रेलवे एक्ट अप्रेन्टिसों ने भाग लिया. विशाल धरना प्रदर्शन प्रात: 10.30 से प्रारंभ किया गया.

रेलवे में हजारों पोस्ट खाली, काम के दबाव में कर्मचारी: मुकेश गालव

विशाल आम सभा को संबोधित करते हुये यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे में निजीकरण बहुत तेजी से बढ रहा है. रेलवे में सेफ्टी कैटेगरी में हजारों रिक्तियां होने के कारण रेलकर्मचारियों को छुट्टी व रेस्ट भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. जिससे असुरक्षित रेल संचालन को खतरा उत्पन्न हो गया है. भारतीय रेलवे में लाखों एक्ट अप्रेन्टिसों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, उनको एवजी के रूप में रेलवे में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति दी जाये. केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा को काफी बढ़ावा देने की बात कह रही है, लेकिन न्यू पेंशन स्कीम से ही स्पष्ट है कि लाखों कर्मचारियों को एनपीएस से सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल रही है. दुर्भाग्य की बात है कि 35 से 40 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी को भी यह पता नहीं होता कि जब वह रिटायर होगा तो उसे कितनी पेंशन मिलेगी, हर माह 10 ्रफीसदी राशि कर्मचारी और सरकार भी जो पहले 10 फीसदी राशि मिलाती थी, उसे कुछ माह पहले ही बढ़ाकर 14 फीसदी किया गया है, यह सब राशि से भी कम राशि मिलने की आशंका बनी हुई है, क्योंकि एनपीएस बाजार आधारित पेंशन व्यवस्था है, इसमें पेंशन की गारंटी नहीं है, इसलिए सरकार को चाहिए कि वह कम से कम 50 फीसदी पेंशन की गारंटी प्रदान करे. उन्होंने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों, वित्त राज्यमंत्री को चेताया कि एनपीएस को लेकर लाखों कर्मचारियों में जबर्दस्त आक्रोश है, यह आक्रोश कब फूट पड़े, कहा नहीं जा सकता, इसलिए सरकार को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए और गारंटेड पेंशन स्कीम प्रदान करना चाहिए.

आम सभा को यूनियन के मंडल कोषाध्यक्ष इरशाद खान, उपाध्या बी.एन.शर्मा, यूथ अध्यक्ष नरेश मालव, एक्ट अप्रेन्टिस प्रदीप मिश्रा ने संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्य रूप से राकेश मित्तल, अरविन्द, संजय शिवा सहित कोटा प्रॉपर की समस्त शाखाओं के शाखा सचिव, अध्यक्ष पदाधिकारी, महिला विंग, यूथ विंग सहित सैंकड़ों रेलकर्मचारी उपस्थित थे. आम सभा का संचालन मंडल उपाध्यक्ष अजय शर्मा द्वारा किया गया.