कोच्चि. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के 6 हजार करोड़ रुपए के पेट्रो-रसायन परिसर को देश के नाम समर्पित किया. इसके अलावा उन्होंने विलिंग्डन द्वीप के अंतर्देशीय जलमार्ग के लिए रो-रो (रोल-ऑन, रोल-ऑफ) पोप सुविधा का भी उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने इस अवसर कहा कि इन परियोजनाओं से भारत की आर्थिक वृद्धि को शक्ति मिलेगी.
मोदी ने केरल की एक संक्षिप्त यात्रा के दौरान कोचीन बंदरगाह न्यास के अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल और कोचीन शिपयार्ड के विज्ञान सागर परिसर का भी उद्घाटन भी किया. यह परिसर मरीन (सागरीय) इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान का परिसर है. उन्होंने यहां एक समारोह में कोचीन बंदरगाह न्यास के साउथ कोल बर्थ की आधारशिला भी रखी. इस बर्थ (घाट) से कोयले की ढुलाई होगी.
मोदी ने कोच्चि रिफाइनरी के समीप स्थित प्रोपलीन डेरिवेटिव पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट (पीडीपीपी) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हर साल काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी. इस संयंत्र में अभी मुख्य रूप से आयात किए जाने वाले ऐक्राइलिक एसिड, ऑक्सो-अल्कोहल और एक्रिलेट्स का उत्पादन होगा. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख एल मंडाविया तथा वी मुरलीधरन ने यहां अंबालामेडु में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया.
मोदी ने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या तीन पर जिस रो-रो सुविधा का उद्घाटन किया, उसमें दो नए रो-रो पोत लगाए जा रहे है. वे बोलगत्ती ओर विलिंगटन के बीच चलंगे और प्रत्येक पर एक साथ छह 20 फुटे ट्रक और तीन 20 फुटे ट्रेलर, तीन 40 फुटे ट्रेलन ट्रक और 30 यात्री चढ़ा सकते हैं. बताया गया है कि इस सेवा से परिवहन लागत और समय की बचत होगी तथा सड़कों पर जाम कम करने में भी मदद मिलेगी.