अखिलेश आर्येन्दु. इंग्लैड की राजधानी लन्दन से आठ कोस दूर दक्षिण दिशा में एरसम नामक एक छोटा सा नगर है. एरसम छोटा नगर जरूर है लेकिन उसकी सुन्दरता देखते ही बनती है. एरसम में पिट पैलस महल है. पिटपैलेस सारे इंग्लैण्ड में मशहूर महल के रूप में जाना जाता है. इसी महल में लार्ड टामस लिटेलिटन शान-शौकत के साथ रहते थे. लार्ड के पास इंग्लैण्ड और आयरलैण्ड में बड़ी-बड़ी जमींदारियां थी. लार्ड जब घूमने बाहर निकलते तो इन जमींदारियों पर जरूर जाते.
लार्ड का संबंध अनेक गन्दे आदमियों से था जो शराब, मांस के अलावा और अनेक दूसरे कुकर्म करते थे. इन राक्षसी स्वभाव के आदमियों के साथ उठने-बैठने के कारण लार्ड में सारे दुर्गुण आ गये थे जो उनके साथियों में थे. लार्ड ने न जाने कितनी औरतों का सतीत्व लूटकर अपनी इज्जत बचाने के लिए उन्हें खत्म करा दिया परन्तु किसी व्यक्ति को कभी लार्ड के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं हुई.
आयरलैण्ड में लार्ड की जमींदारी वाले एक गांव में एक वृद्ध विधवा अपनी तीन पुत्रियों के साथ रहती थी. विधवा का और कोई सहारा नहीं था. वह तीनों पुत्रियों को बहुत प्यार करती थी. विधवा गरीब जरूर थी लेकिन अपनी पुत्रियों को पढ़ा-लिखा कर हर तरह से काबिल बनाना चाहती थी. तीनों लड़कियां बड़ी हो रही थी. विधवा को इससे उनके विवाह की चिन्ता होने लगी थी. वह अपनी पुत्रियों को ऐसे घर में ब्याहना चाहती थी जहां वे इज्जत के साथ अपना जीवन बिता सकें लेकिन उसे क्या मालूम था कि जिस स्वप्न को वह बरसों से अपने दिल में बड़े अरमान से पाल रखा है वह एक षड़यंत्रा का शिकार हो चूर-चूर हो जायेगा.
एक दिन लार्ड लिटेलिटन अपनी दूसरी जमींदारी जो आयरलैण्ड में थी, घूमने आये. घूमते-घूमते लार्ड उस गांव में पहुंचे जहां बूढ़ी विधवा अपनी तीनों पुत्रियों के साथ रहती थी. लार्ड गांव में घूम ही रहे थे कि उनकी नजर विधवा की पुत्रियों पर पड़ी. लार्ड घन्टों तीनों लड़कियों को देखते रहे. उन्होंने इन तीनों को अपने कब्जे में लेने के लिए एक षड़यंत्रा रचा.
लार्ड ने अपने सहायक को इनको प्राप्त करने की योजना समझाई. लार्ड का सहायक एक चतुर व मक्कार किस्म का आदमी था. पैसे व पुरस्कार के लालच में वह विधवा के घर आया. उसने विधवा से अनेक मीठी-मीठी बातें की. बातों ही बातों में उसने विधवा से कहा-बूढ़ी मां, बुरा न मानो तो एक बात कहूं. विधवा ने कहा, बताओ क्या कहना चाहते हो?
लार्ड के सहायक ने कहा-आप गरीब और असहाय हैं. ये लड़कियां शादी योग्य हो गई हैं. लार्ड आपकी गरीबी व परेशानी पर तरस खाकर इनमें से एक के साथ शादी करना चाहते हैं.
लार्ड के सहायक की बातें सुनकर विधवा ने कहा ’मैं गरीब वृद्ध विधवा हूं. लार्ड लिटन की उम्र भी काफी हो चुकी है. फिर झोंपड़ी में रहने वाली ये मेरी पुत्रियां राजमहल में नहीं रह सकती.
विधवा की बातें सुनकर लार्ड के सहायक ने विधवा को राजी करने के लिए अनेक तरह के लालच देने शुरू कर दिये. लोभ लालच में आकर विधवा अपनी एक लड़की की शादी लार्ड से करने को तैयार हो गई.
लार्ड के सहायक ने देखा कि विधवा लालच में आकर उसके पड़यंत्रा में फंस चुकी है तो उसने विधवा से कहा-आपकी एक लड़की के साथ लार्ड शादी करेंगे और बची दो लड़कियों को लार्ड अच्छे घरों में विवाह कर देंगे.
विधवा पहले तो राजी नहीं हुई लेकिन हर तरह से विश्वास दिलाने के कारण उसने अपनी तीनों पुत्रियों को लार्ड को सौंप दिया.
लार्ड से विवाह करने के लालच में विधवा की तीनों सुन्दर लड़कियां लार्ड के महल में आ गयी. महीने भर लार्ड तीनों लड़कियांे का सतीत्व लूटता रहा. फिर एक दिन तीनों की हत्या कर उनकी लाश जंगल में फेंकवा दी.
जब विधवा ने सुना कि लार्ड लिटन ने उसकी तीनों लड़कियों का सतीत्व लूटकर उनकी हत्या कर दी है तो वह दुख के मारे हाहाकार करने लगी. वृद्ध विधवा लड़कियों की निर्दोष हत्या किये जाने के कारण बीमार पड़ गई. वह रात दिन चारपाई पर पड़े-पड़े लड़कियों का नाम रटती रहती और लार्ड से प्रतिशोध लेने के लिए सोचती रहती.
इसी दशा में विधवा की मौत हो गई. जिस समय आयरलैण्ड में विधवा की मौत हुई थी, उस समय लार्ड रात्रि में अपने महल पिट पैलेस में मौज-मस्ती कर रहे थे. मौज मस्ती के बाद लार्ड लिटन को नींद आ गई. अभी नींद आये घन्टा भर ही हुआ कि अजीब सी डरावनी आवाज सुनकर उनकी नींद उचट गई.
पहले तो लार्ड ने समझा कि किसी कुत्ते ने कोई मुर्गी दबोच ली है फिर जब कोई कुत्ता उन्हें न दिखाई दिया और डरावनी भयंकर आवाज आती ही रही तो उन्होंने खिड़की के सामने ध्यान से देखा. लार्ड ने देखा यह कोई कुत्ता नहीं, यह तो कोई सफेद कपड़ों में वृद्धा खड़ी है. उसे देख कर लार्ड कांप उठे.
लार्ड को वृद्धा जानी पहचानी मालूम पड़ी. अरे, यह तो वही वृद्ध विधवा है जिसकी तीनों लड़कियों का सतीत्व लूटकर मैंने मरवा दिया था. इसे कैसे मालूम हो गई ये सारी हत्या की बातें.
वृद्धा की आंखों से जैसे अंगारे निकल रहे थे. वह लार्ड के कमरे में घुस आई और लार्ड से क्रोधित तेज आवाज में बोली-कुकर्मी. पापी! धोखेबाज हत्यारे. तेरी मौत आ पहुंची है. तेरे पाप का घड़ा भर चुका है. जीवन से खिलौने की तरह खेलने वाले राक्षस, तंू जल्दी ही मरने वाला है, एक दो-महीने में नहीं, केवल तीन दिन के अन्दर. अभी तेरे कमरे की घड़ी में बारह बजे हैं. ठीक इसी समय मैं तीसरे दिन आऊंगी और तुझे उठा ले जाऊंगी.
मृत वृद्धा की आत्मा की बातें सुनकर लार्ड लिटन भयंकर चिन्ता में पड़ गये. क्या यह सच होगा. नहीं? शायद मैं स्वप्न देख रहा था. अपने मन को समझा कर लार्ड सो गये.
लार्ड रात वाली घटना को भूले न थे. उन्हें सब कुछ प्रत्यक्ष मालूम पड़ रहा था. उन्होंने रात्रि वाली घटना मित्रों को सुनाई.
अरे साहब, आप फालतू में परेशान हैं. कभी-कभी ऐसा वहम हो जाता है. इस तरह मित्रों ने लार्ड को दिलासा दिलाया. फिर भी लार्ड के मन में संशय बना ही रहा.
तीसरे दिन मित्रों ने लार्ड के कमरे की घड़ी दो घन्टे तेज कर दी. लार्ड मित्रों के साथ मौज-मस्ती करते रहे लेकिन उसके मन में मृत्यु का संशय बना ही रहा. जब रात के दस बज रहे थे, उस समय लार्ड की घड़ी में बारह बज रहे थे. लार्ड ने देखा बारह बज गये हैं. उन्हें कुछ भी नहीं हुआ. वे प्रसन्नता के मारे उछल पड़े. फिर खाना-पीना कर वे सोने चले गये लेकिन उनके मित्रा जाग रहे थे.
जैसे ही घड़ी ने दो बजाये और वास्तविक समय 12 बजे तो लार्ड के दोस्त उनके कमरे में घुसे. देखा, एक सफेद धोती पहने एक वृद्ध औरत कमरे से निकल रही है. वे कुछ कहते, उसके पहले ही वृद्ध औरत ने कहा-मैं इसके विश्वासघात व हत्या का बदला चुकाने आई थी. मैं इसे अपने साथ लेकर जा रही हूं. इतना कहकर वृद्ध औरत गायब हो गई!