नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टूलकिट मामले में बेंगलुरु से पर्यावरण कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है. दिशा रवि के बाद अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निकिता जैकब और शांतनु की तलाश है. स्पेशल सेल ने कोर्ट से निकिता और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी इश्यू करवाए हैं

बताया जा रहा है कि खालिस्तान संगठन से जुड़े पोइट फॉर जस्टिस के एमओ धालीवाल ने कनाडा में रह रहे अपने सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया. इनका मकसद गणतंत्र दिसव के मौके पर ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना था.

गौरतलब है कि निकिता पेशे से वकील है. वो पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं है. 4 दिन पहले स्पेशल सेल की  टीम निकिता जैकब के घर गयी थी, तब उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई थी, उस वक्त शाम हो गयी थी इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं कि गई, टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे, लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिली. इस वक्त निकिता जैकब फरार है.

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए. एमओ धालीवाल ने कहा मुद्दे को बड़ा बनाना है. इनका मकसद था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलानी है. 26 जनवरी को एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया. 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया. चूंकि दिशा ग्रेटा को जानती थीं, इसलिए उसकी मदद ली गयी.