नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस ने आज सरकार को घेरा है. कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन हैरान करने वाली तस्वीर ये थी कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस सुप्रिया श्रीनेत की मेज पर सिलेंडर रखे थे. सिलेंडर रखने की वजह ये थी कि पिछले दस दिनों में रसोई गैस के दाम में 75 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा पेट्रोल डीजल का भाव भी लगातार सातवें दिन बढ़ा है. हालत ये है कि राजस्थान के गंगानगर में एक लीटर पेट्रोल का भाव 99 रुपये के पार पहुंच गया. कई शहरों में एक्सट्रा प्रीमियम पेट्रोल के दाम 100 को पार कर गए हैं.

कांग्रेस के प्रवक्ता प्रिया श्रीनेत ने सरकार पर कुप्रबंधन, मुनाफाखोरी करने और आम लोगों की फिक्र नहीं करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि यूपीए सरकार के समय सिलेंडर लेकर सड़क पर बैठने वाली भाजपा की महिला नेता अब चुप क्यों हैं? कांग्रेस प्रवक्ता नेकहा, पिछले 10 दिनों के भीतर इस सरकार ने रसोई गैस के सिलेंडर में 75 रुपये की बढ़ोतरी की है. चार फरवरी को दाम 25 रुपये बढ़ाए गए थे और अब 50 रुपये बढ़ा दिए गए. यही नहीं, दो महीने के भीतर सिलेंडर की कीमत में 175 रुपये की वृद्धि की जा चुकी है. आज के समय में दिल्ली में एक सिलेंडर 769 रुपये का बिक रहा है.

उन्होंने दावा किया, यूपीए सरकार के समय एक सिलेंडर की कीमत 400 रुपये के करीब थी. उस समय कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा थी, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखा गया था. अब पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस सरकार के कुप्रबंधन के कारण देश को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया, यह सरकार डीजल पर उत्पाद शुल्क को आठ गुना और पेट्रोल पर ढाई गुना बढ़ा चुकी है. इस सरकार की कृपा है कि देश ने पेट्रोल की कीमत के मामले में शतक लगा दिया है और नया कीर्तिमान गढ़ दिया है. ऐसा लगता है कि इस सरकार को आम आदमी की रत्ती भर फिक्र नहीं है. सुप्रिया ने सवाल किया कि क्या सरकार का काम मुनाफाखोरी करना है?

उन्होंने कहा, हमारी सरकार से मांग है कि बढ़ी हुई कीमतें वापस ली जाएं और उत्पाद शुल्क कम करके लोगों राहत दी जाए. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री जी और कांग्रेस की सरकार में कीमत 10 रुपये बढऩे पर सिलेंडर लेकर सड़क पर उतरने वाली महिला नेता से पूछना चाहती हूं कि क्या आज सत्ता का सुख इतना बड़ा हो गया है कि वह बोल नहीं पा रही हैं? आपको पता है कि मैं किसके बारे में बात कर रही हूं.