प्रदीप द्विवेदी. इन दिनों हर मुद्दे पर सही जवाब देने के बजाए, मोदी सरकार समर्थक उल्टे राहुल गांधी से ही सवाल पूछने लग जाते हैं.

राहुल गांधी कांग्रेस के नेता हैं, उनका काम है, सवाल पूछना, उन्होंने चीन को लेकर मोदी सरकार से कई सवाल पूछे थे. उन्हें मोदी सरकार जवाब नहीं दे, लेकिन बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन को लेकर जो सवाल खड़े किए हैं, उनके जवाब क्यों नहीं दे रही मोदी सरकार?

स्वामी ने ट्वीट कर कहा था- प्रधानमंत्री ने 2020 में कहा कि कोई आया नहीं, कोई गया नहीं. चीन को यह बहुत पसंद आया. लेकिन यह सच नहीं था. बाद में जनरल नरवणे ने सैनिकों को आदेश दिया वे एलएसी पार कर पैंगोंग लेक को अपने नियंत्रण लें ताकि चीनी चौकियों पर नजर रखी जा सके. अब हम वहां से पीछे हट रहे हैं लेकिन डेपसांग से चीन के पीछे हटने का क्या हुआ? अभी तक नहीं हुआ है, चीन बहुत खुश है!

इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा पर डिसइंगेजमेंट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. राहुल का कहना था कि पैंगोंग झील इलाके में हमारे सैनिक फिंगर 3 पर तैनात रहेंगे, जबकि हमारा इलाका फिंगर 4 है.

इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि हमने अपना इलाका चीनियों को क्यों सौंप दिया है.

राहुल गांधी का कहना था कि रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में हालात पर एक बयान दिया. अब, हमें पता चलता है कि हमारे सैनिक फिंगर 3 पर तैनात रहेंगे. फिंगर 4 हमारा इलाका है. अब, हम फिंगर 4 से फिंगर 3 पर आ गए हैं. मोदी ने हमारा इलाका चीनियों को क्यों दे दिया है?

हिंदुस्तान की सरकार की नेगोशिएटिंग पोजिशन थी कि अप्रैल 2020 में जो हालात थे, वही बहाल हो, उसको सरकार भूल गई. चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया, माथा टेक दिया. प्रधानमंत्री एक कायर हैं जो चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते, यही तथ्य है.

राहुल गांधी का यह भी कहना था कि रक्षा मंत्री आकर एक छोटा भाषण देते हैं, प्रधानमंत्री ने आकर ऐसा क्यों नहीं कहा, उन्होंने रक्षा मंत्री से बयान देने को क्यों कहा? प्रधानमंत्री को कहना चाहिए कि मैंने भारत की जमीन चीन को दे दी है!

बड़ा सवाल यही है कि मोदी सरकार से हर सवाल के जवाब में केवल कांग्रेस और राहुल गांधी की ही चर्चा क्यों होती है? सही जवाब क्यों नहीं दिया जाता है!

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