पेरिस. अपने प्लेटफॉर्म पर अखबारों व समाचार वेबसाइट्स की खबरों के साथ विज्ञापन दिखा लाखों करोड़ कमा रहे गूगल को अब फ्रांस के 121 अखबारों को 551 करोड़ रुपये चुकाने होंगे. फ्रांस के नए कानून के तहत उसने पिछले माह फ्रांस के अखबारों के संगठन एपीआईजी अलायंस के साथ तीन वर्ष के लिए इसका समझौता किया था, लेकिन कितनी रकम चुकाएगा है, यह अब सामने आया है. खास बात है कि यह पैसा उसे खबरों के छोटे स्वरूप को अपने प्लेटफॉर्म पर दिखाने के लिए चुकाना होगा.

शुरू में गूगल इसके लिए तैयार नहीं था. बल्कि 2014 में स्पेन के समाचार संगठनों को भी इसी प्रकार रकम चुकाने के लिए वहां कानून बनाया गया था. इस पर गूगल ने स्पेन में अपना गूगल न्यूज सेक्शन ही बंद कर दिया, ताकि कमाई में हिस्सा न देना पड़े. इस बार गूगल सर्च परिणामों में फ्रांसिसी समाचार संस्थानों का कंटेंट हटाने की तैयारी थी.

इस पर फ्रांस के प्रतिस्पर्धा आयोग ने उसे चेताया. अंतत: सरकार के सख्त रुख के आगे गूगल झुका. समझौते के साथ समाचार संस्थानों से मिले कंटेंट के अनुसार उनकी हिस्सेदारी तय होगी. उदाहरण के लिए प्रमुख दैनिक अखबार ला मोंड को करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये और साप्ताहिक अखबार ला वोक्स को 10 लाख रुपये चुकाए जाएंगे.

अंतरराष्ट्रीय मॉडल बन सकता है फ्रांस

विशेषज्ञों के अनुसार, समझौते से डिजिटल कॉपीराइट के भुगतान की नई राह खुलेगी. फ्रांस विश्व के लिए मॉडल बन सकता है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी इसी प्रकार कानून बनाने की राह पर है. गूगल इसका कड़ा विरोध कर रहा है, रोजाना नई धमकियां दे रहा है. अगले दो-तीन वर्षों में दर्जनों नए यूरोपीय देश भी फ्रांस जैसा कानून बना लेंगे. 

गूगल के लिए मामूली रकम

2020 की तीसरी तिमाही में गूगल ने 3.34 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया था, जिसमें 2.70 लाख करोड़ रुपये विज्ञापन से अर्जित किए. विशेषज्ञों के अनुसार इस लिहाज से गूगल के लिए यह रकम बोझ नहीं होगी. बल्कि ज्यादा स्वतंत्र रूप से खबरें साझा करके वह अपना कारोबार बढ़ा सकेगा.