भोपाल. मध्य प्रदेश के सीधी में मंगलवार को सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है. सीधी जिले में रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में यात्रियों से भरी एक बस सुबह पुल से नहर में गिर गई. हादसा सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित अनेक नेताओं ने इस हादसे पर संवेदना जाहिर की है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बचाव कायज़् अब समाप्त हो गया है. 24 पुरुष, 20 महिलाएं और एक बच्चे के शव को हम निकाल चुके हैं. बस में सवार 7 यात्रियों ने तैरकर अपनी जान बचाई. नहर में बांध के पानी को आने से बंद किया गया फिर बस निकाली गई. अब तक बस का अनियंत्रित होना ही हादसे का कारण लग रहा है, वहीं खबरों के अनुसार इस हादसे में मरने की संख्या 47-48 बतायी जा रही है, हालांकि आधिकारिक रूप में जारी किये आंकड़ों के अनुसार फिलहार मरने वालों की संख्या 45 है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बस दुर्घटना को लेकर शोक जताया और हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने को मंजूरी दी. उनके कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सीधी में बस दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है. गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
बस में क्षमता से ज्यादा यात्री थे सवार-
हादसा रामपुर नैकिन के पास सरदा गांव में हुआ. यह जगह सीधी से 80 किलोमीटर और सतना से करीब 100 किलोमीटर दूर है. बस सुबह 6 बजे सीधी से रवाना हुई थी. इसमें 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन ड्राइवर ने 54 यात्री भर लिए थे. इनमें ज्यादातर सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे. 12 लड़के-लड़कियां रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ इस बस में सवार हुए थे.
परीक्षार्थियों के लिये ड्राईवर ने बदला था रूट-
इस बस को सीधी से चुरहट, रामपुर नैकिन, बधबार और गोविंदगढ़ होते हुए सतना पहुंचना था. चुरहट तक बस आई, लेकिन उसके बाद रामपुर नैकिन से स्टूडेंट्स के कहने पर ड्राइवर ने रूट बदल लिया. इन स्टूडेंट्स का एग्जाम था, इसलिए उन्हें वक्त पर सतना पहुंचना था.
नहीं लग पाये ब्रेक और नहर में जा गिरी बस-
ड्राइवर बस को लेकर सीधी से चुरहट और रामपुर नैकिन तक लेकर आया. फिर उसने बस को बगवार गांव में मोड़ दिया. यहां से बस सरदा गांव पहुंची. इस गांव से जो रास्ता सतना की ओर जाता है, उसके साथ-साथ नहर चलती है. यहां एक जगह आकर रास्ता संकरा हो जाता है. वहीं चश्मदीदों ने बताया कि बस का पिछला टायर नहर की ढलान की ओर जाने लगा. ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश की, लेकिन ब्रेक लगे नहीं और बस बेकाबू होकर नहर में जा गिरी। सतना में रजिस्टर्ड यह बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स की बताई जा रही है.