प्रदीप द्विवेदी. स्कूल में पढ़ाई शुरू होने से पहले सरस्वती प्रार्थना की जाती है, जिसका उद्देश्य पवित्र ज्ञान की देवी सरस्वती से सद्ज्ञान प्रदान करने का अनुरोध करना होता है.
लेकिन, ज्योतिष में देवी सरस्वती की पूजा राहु ग्रह की अकारकता से मुक्ति प्राप्त करने के लिए की जाती है.
जब राहु ग्रह- कुंडली दोष, गोचर, दशा-अंतरदशा के दौरान अकारक प्रभाव देता है, तब ऐसी स्थिति से राहत के लिए सरस्वती पूजा की जाती है.
क्योंकि, राहु रहस्यमयी छाया ग्रह है इसलिए जब-जब भी यह कुप्रभाव देता है, मतिभ्रम होता है, रहस्यमयी बीमारियां होती हैं, गुप्त शत्रु बढ़ते हैं, आतंकवाद जोर पकड़ने लगता है, लिहाजा ऐसी स्थिति से सुरक्षा के लिए देवी सरस्वती की आराधना उपयोगी मानी जाती है.
जिनकी कुंडली में कालसर्प योग कुप्रभाव दे रहा हो, उन्हें भी देवी सरस्वती की नियमित पूजा की सलाह दी जाती है!