मुम्बई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में वकील और कार्यकर्ता निकिता जैकब को तीन हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से राहत दे दी है. उनके खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़े टूल किट बनाने के लिए अहम भूमिका निभाने का आरोप है. जस्टिस पीडी नाइक ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा पारित आदेश को ध्यान में रखकर फैसला दिया जिसमें टूलकिट मामले में फंसे एक अन्य व्यक्ति शांतनु मुलुक को ट्रांजिट जमानत दी गई थी.
वहीं कोर्ट में वकील ने कहा कि निकिता जैकब का हिंसा भड़काने का कोई धार्मिक, राजनीतिक और वित्तीय इरादा नहीं था. जैकब की ओर से पेश वकील मिहिर देसाई ने औरंगाबाद बेंच द्वारा सुनाया गया आदेश जस्टिस नाइक के सामने पेश किया.
वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडवोकेट हितेन वेनगोकर ने कोर्ट से कहा कि वह ट्रांजिट बेल पर हाईकोर्ट के जस्टिस एएस गडकरी द्वारा दिए गए फैसले पर विचार करें. बता दें जैकब के घर पर 11 फरवरी को छापा पड़ा था. इस दौरान तलाशी ली गई और जब्ती की गई थी. कोर्ट में वकील ने कहा कि इस बात की आशंका थी जैकब को गिरफ्तार कर लिया जाएगा क्योंकि आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इस दौरान अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस और एफआईआर पंजीकृत दिल्ली द्वारा अपराध की जांच की जा रही है. यह स्पष्ट है कि वह मुंबई में स्थायी निवासी है.
गौरतलब है कि जैकब ने चार सप्ताह के लिये ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की थी, ताकि वह दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिये संबंधित अदालत का रुख कर सके. जैकब ने दाखिल की गई में याचिका में यह भी आरोप लगाया था कि कुछ ट्रोल और बॉट उसकी निजी जानकारी, ईमेल-आईडी, फोन नंबर, सोशल मीडिया हैंडल और सोशल मीडिया पर तस्वीरें प्रसारित कर रहे हैं.