पलपल संवाददाता, जबलपुर/सतना. मध्यप्रदेश के सीधी में हुए बस हादसे में अभी भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी है, आज दोपहर तक चार शव और मिले है, जिसमें एक पांच माह की मासूम बच्ची भी है, जिसकी लाश 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविंदगढ़ क्षेत्र में मिली है, मासूम की मां व मौसी की मौत भी  इसी हादसे में हुई है. अभी तक इस हादसे में 51 लोगों की मौत हो चुकी है.

बताया जाता है कि सीधी बस हादसे में शवों का मिलने का सिलसिला आज बुधवार को भी जारी रहा, बस में अपनी मां व मौसी के साथ बस में सफर कर रही पांच माह की मासूम शुभी उर्फ सौम्या पानी के तेज बहाव में बह निकली. रेस्क्यू टीम द्वारा नदी में बहे लोगों की तलाश की जा रही थी, आज पांच माह की मासूम बच्ची रीवा जिले के गोविंदगढ़ के पास मिली है, हादसे में सौम्या की मां व मौसी पहले ही मौत हो चुकी है, आज दोपहर तक की तलाश में चार शव और मिले है, जिसके चलते मृतकों की संख्या अब तक 51 हो चुकी है.

मासूम की मां व मौसी एएनएम की परीक्षा देने जा रही थी-

पुलिस अधिकारियों की माने तो सीधी निवासी हरिप्रताप गौंड की करीब दो वर्ष पहले सोमबाई गौंड़ उम्र 24 वर्ष से शादी हुई थी, सोमबाई अपनी ममेरी बहन आशा के साथ सतना में आयोजित एएनएम की परीक्षा देने मासूम बेटी को लेकर परीक्षा देने आई थी. हादसे में मां व मौसी बस में ही फंसी रही, बेटी शुभी हाथ से छूटकर पानी में बह निकली.

मां नहीं बचा पाई बेटी-

हादसे में बच निकली रामपुर नैकिन निवासी स्वर्णलता द्विवेदी उम्र 24 वर्ष ने बताया कि सतना में नर्सिंग का पेपर देने के लिए मां विमला के साथ सवार हुई थी, मां कंडेक्टर के पीछे वाली सीट में बैठी थी, वहीं भीड़ होने के कारण स्वर्णलता गेट पर खड़ी रही, जैसे ही बस नहर में गिरी तो वह उछलकर पानी में गिर गई, थोड़ा तैरना जानती रही तो हाथ व पैर चलाने लगी, लोगों ने रस्सी फेंककर बचा लिए, लेकिन आंखो के सामने मां बस के साथ पानी में डूबती चली गई.

तेरहवी शामिल होने नागौद जा रहे थे-

हादसे में बच निकले रामपुर नैकिन निवासी सुरेश गुप्ता ने बताया कि वे अपनी बहू पिंकी व पोता अथर्व को लेकर नागौद एक तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे, हादसे में बहू व पोता की मौत हो गई, वही सुरेश गुप्ता नहर में काफी दूर तक बह गए थे, जिन्हे शिवरानी नामक महिला ने तैरते हुए बचा लिया.

परीक्षा दिलाने ले जा रहे अंकल भी बस में फंसे रह गए-

सिंगरौली निवासी अर्चना जैसवाल ने बताया कि वह डाक्टर हीरालाल शर्मा के मकान में किराए से रहती है, हीरालाल अंकल ही अर्चना को परीक्षा दिलाने के लिए सतना जाने निकले थे, हीरालाल अंकल की बस में फंसे होने के कारण मोत हो गई, मैं बच गई.

भाई का हाथ छूट गया-

हादसे में भाई के बिछडऩे से व्यथित विभा प्रजापति ने बताया कि जैसे ही बस नहर में गिरी तो भाई दीपक हाथ पकड़ लिया लेकिन तेज बहाव के कारण भाई का हाथ छूट गया, जिसे बचाने की कोशिश की लेकिन भाई आंखो के सामने ही पानी ही लहरों के बीच गुम हो गया.