नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की पैंगॉन्ग लेक के पास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. सैटेलाइट इमेज से मालूम चलता है कि चीनी सेना ने फिंगर 8 से लेकर फिंगर 5 तक थोड़ी-थोड़ी दूर पर 100 से ज्यादा बंकर बना लिए थे. अब चीनी सेना इन इलाकों को खाली कर रही है. सैटेलाइट इमेज मैक्सर टेक्नोलॉजी ने जारी की है.

भारतीय सेना से हुए समझौते के मुताबिक, चीन अपनी टुकडिय़ों को पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ बैंक में फिंगर-8 के पूर्व की तरफ रखेगा इसलिए चीन ने फिंगर 6 तक के इलाकों को खाली करना शुरू कर दिया है. बंकर तोड़े जा रहे हैं. इंडियन आर्मी ने भी मंगलवार को डिसएंगेजमेंट की फोटो और वीडियो जारी किया था. इसमें चीन की आर्मी अपना सामान लेकर लौटती दिख रही है. इसके अलावा चीनी सेना इन इलाकों से बंकर तोड़ते हुए भी दिख रही है. सेना ने टेंट, तोप और गाडिय़ां भी यहां से हटा ली हैं. करीब 10 महीने से यहां चीन की सेना ने कब्जा किया था.

मई से ही दोनों देशों के बीच तनाव था

भारत-चीन के बीच पिछले साल मई से तनाव था. 15 जून को यह तब चरम पर जा पहुंचा, जब भारतीय इलाके में घुसपैठ करने वाली चीनी सेना को रोकने की कोशिश में गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष हो गया. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया. इसक बादव अगस्त-सितंबर में 45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर गोलियां चलीं. हालांकि, सितंबर से ही भारत ने चीन के साथ डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल की बातचीत जारी रखी. 9 दौर की बातचीत के दौरान डिसएंगेजमेंट को लेकर खबरें आती रहीं, लेकिन बीते हफ्ते पहली बार रक्षा मंत्री ने संसद में इस बारे में खुलकर बताया.

लद्दाख में सबसे विवादित इलाका है पैंगॉन्ग लेक

भारत-चीन के बीच बॉर्डर इलाकों की साफतौर पर पहचान नहीं है. इसी वजह से सीमा पर तनाव रहता है. ऐसा ही एक इलाका है पूर्वी लद्दाख का पैंगॉन्ग लेक एरिया. यह कोई छोटी झील नहीं है. 14 हजार 270 फीट की ऊंचाई पर मौजूद इस झील का इलाका लद्दाख से लेकर तिब्बत तक फैला हुआ है. झील 134 किलोमीटर लंबी है. कहीं-कहीं 5 किलोमीटर तक चौड़ी भी है. दोनों देशों की सेना यहां नावों से पेट्रोलिंग करती है. इस झील के बीच से भारत-चीन की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी से गुजरती है. झील के दो-तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है. बाकी भारत के हिस्से आता है. इसी वजह से यहां अक्सर तनाव पैदा होते रहते हैं. झील किनारे की दुर्गम पहाडिय़ां आगे की ओर निकली हुईं हैं, जिन्हें फिंगर एरिया कहा जाता है. ऐसे 8 फिंगर एरिया हैं, जहां भारत-चीन सेना की तैनाती है. गलवान की झड़प के बाद चीन ने बड़ी तादाद में इन इलाकों में जवानों की तैनाती कर ली थी. भारत ने भी यहां सेना की तैनाती की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

लद्दाख में माइनस 25 डिग्री तापमान में ITBP जवानों ने मनाया गणतंत्र दिवस