जबलपुर/भोपाल. पश्चिम मध्य रेलवे केे भोपाल रेल मंडल प्रशासन के उस आदेश से ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों में जमकर खलबली मची हुई है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट पीकर व तम्बाखू, गुटखा खाकर ट्रेन चलाने वाले रनिंग स्टाफ का पता लगाकर उसकी सूची बनाने कहा गया है. इस आदेश से कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है.
दरअसल पश्चिम मध्य रेल भोपाल मंडल के वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/टीआरओ/भोपाल ने 15 फरवरी 2021 को आदेश जारी किया है, जिसमें सभी मुख्य लोको निरीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि सभी लोको पायलट, सहायक लोको पायलट तथा लोको पायलट शंटिंग की काउंसिल करें कि वेॅ ड्यूटी के समय बीड़ी, सिगरेट नहीं पियें तथा तम्बाखू गुटखा नहीं खायें. लोको तथा रनिंग रूम में लगायें.
नशा करने वाले स्टाफ की सूची बनाने के भी निर्देश
आदेश में यह भी कहा गया है कि समस्त लोको निरीक्षक (मुख्य क्रू नियंत्रक) अपने-अपने डिपो में अपने नामित लोको पायलट व सहायक लोको पायलट, शंटर, जो बीड़ी, सिगरेट पीने तथा गुटखा खाते हैं, उनके नाम इस कार्यालय में 24 फरवरी 2021 तक आवश्यक रूप से भेजना सुनिश्चित करें.
अफसर की फटकार, नशामुक्त होने 6 माह की छुट्टी मांगी
वहीं इटारसी में पदस्थ एक लोको पायलट गुड्स का एक लेटर भी इसी मामले को लेकर वायरल हो रहा है, जिसमें गणेश नामक कर्मचारी ने 6 माह के अवकाश का आवेदन दिया है, जिसमें कर्मचारी ने कहा है कि सीनियर डीईई टीआरओ भोपाल के पास टूसी था, जिसके बाद उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. अत: मुझे 6 माह की छुट्टी दी जाये, क्योंकि उसे मुख्यालय छोड़कर नशा मुक्ति केंद्र जाना है.
इनका कहना....
- इस तरह का आदेश जारी किया गया है, ताकि कर्मचारियों को नशा मुक्त करने के लिए प्रेरित किया जाए. स्पष्ट है कि कर्मचारी स्वस्थ रहेंगे, तो रेलवे तो तरक्की करेगा ही, साथ ही साथ कर्मचारी का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा. रेल प्रशासन की मंशा है कि स्टाफ को नशा मुक्त रखने के लिए उनमें जनजागरुकता लाई जाए.
- श्रीमती प्रियंका दीक्षित, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, पमरे, जबलपुर.