श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालातों की जानकारी लेने के लिए 24 देशों के राजनयिकों को आगमन हो गया है. केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने के लिए राजनयिकों का एक बैच बुधवार को श्रीनगर पहुंचा. यह बैच करीब 2 दिनों तक राज्य में रहेगा और सरकार के हालात सामान्य करने और विकासकार्यों की रफ्तार को बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी जुटाएगा.

इस समूह में यूरोपियन संघ के राजदूत ऊगो अस्तुतो और फ्रांस के राजदूत एमेनुएल लैनेन समेत करीब 10 यूरोपीय देशों की राजनयिक पहुंचे हैं. इसके अलावा बांग्लादेश, क्यूबा, आयरलैंड, ब्राजील, बेल्जियम, स्पेन, इटली के भी राजनयिक शामिल हैं. राजनयिकों के इस दल का एयरपोर्ट पर जमकर स्वागत किया गया.

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद यह दल राज्य में हालात की जानकारी जुटाएगा. इस दौरान ये राजनयिक नेताओं और दूसरे अधिकारियों के अलावा स्थानीय लोगों से भी मुलाकात कर रहे हैं. राज्य में दल की सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

श्रीनगर पहुंचने के बाद समूह बडगाम जिले के मागम पहुंचा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले दिन के कार्यक्रम के तहत राजनयिक दोपहर में डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में अलग-अलग समूहों और राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकत करेंगे.

इसके बाद शाम को दल स्थानीय पत्रकारों से भी मुलाकात करेगा. इस दौरान विदेशी महमानों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है. माना जा रहा है कि इस दौरे के चलते कश्मीर में जारी पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा को करारा जवाब मिलेगा. खास बात है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य में पहली बार डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल यानि डीडीसी के चुनाव हुए थे अगस्त 2019 में राज्य का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद तीसरी बार राजनयिक जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. पहले दो समूह 2020 में जनवरी-फरवरी में यहां पहुंचे थे. सरकार ने राज्य में शासन को बेहतर करने, विकास कार्यों को बढ़ाने और आतंकवाद पर नकेल कसने के मकसद से इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया है.