-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

* नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है.

* कई श्रद्धालु पहले ही दिन से प्रतिदिन कन्या पूजन करते हैं तो ज्यादातर सप्तमी तिथि से दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन तक कन्या पूजा करते हैं.

* इन कन्याओं को नौ देवी का स्वरूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है, पूजा की जाती है और भोजन कराया जाता है जिससे देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का वरदान प्रदान करती हैं.

* कन्या पूजन अपनी श्रद्धा और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार करें, मन से की गई पूजा देवी सहर्ष स्वीकार करती है.

* इन कन्याओं को स्वच्छ जगह बिठाकर सभी के पैरों को अपने हाथों से धोना चाहिए और पैर छूकर शुभाशीष लेना चाहिए.

* इसके बाद उनके माथे पर तिलक लगाना चाहिए. 

* देवी दुर्गा का ध्यान करके इन्हें देवी स्वरूप मानकर ससम्मान भोजन कराना चाहिए.

* भोजन के बाद कन्याओं को यथाशक्ति दक्षिणा, उपहार आदि प्रदान करके उनके पैर छूकर शुभाशीष लेना चाहिए.

* कन्या पूजन में कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर तथा दस वर्ष तक होनी चाहिए. 

* कन्याओं की संख्या कम-से-कम 9 तो होनी ही चाहिए और एक बालक भी होना चाहिए, जिसे हनुमान स्वरूप माना जाता है. 

* यदि 9 से ज्यादा कन्याएं  है तो भी अच्छा है.

* दो वर्ष की कन्या के पूजन से दुख-दरिद्रता दूर होती है. 

* तीन वर्ष की कन्या पूजन से धन-धान्य की वृद्धि होती है.

* चार वर्ष की कन्या की पूजा से परिवार का कल्याण होता है. 

* पांच वर्ष की कन्या को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है.

* छह वर्ष की कन्या की पूजा से जय-विजय और राजयोग प्राप्त होता है. 

* सात वर्ष की कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य प्राप्त होता है.

* आठ वर्ष की कन्या का पूजन करने से विवाद में विजय प्राप्त होती है. 

* नौ वर्ष की कन्या का पूजन करने से शत्रु-नाश होता है, तो असंभव कार्य संभव होते हैं.

* दस वर्ष की कन्या-पूजा तमाम मनोकामनाएं पूरी करती है.

* देवी का नौवां स्वरूप है- सिद्धिदात्री, नवमी तिथि पर इनकी पूजा-अर्चना की जाती है, सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना करें, सिद्धि मिलेगी, पराक्रम बढ़ेगा!  

-आज का राशिफल -

मेष राशि:- भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी. उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे. कुसंगति से बचें. कारोबार में वृद्धि होगी. निवेशादि शुभ रहेंगे. रोजगार में वृद्धि होगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे.

वृष राशि:- राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा. वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है. आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. आय में वृद्धि होगी. समय की अनुकूलता मिलेगी. आलस्य हावी रहेगा. घर में सुख-शांति रहेगी. लाभ होगा.

मिथुन राशि:- रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे. कारोबार लाभदायक रहेगा. भाइयों से सहयोग मिलेगा. कुसंगति से हानि होगी. नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी. जल्दबाजी न करें. जोखिम व जमानत के कार्य बि‍लकुल न करें.

कर्क राशि:- धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी. हल्की हंसी-मजाक करने से बचें. नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे. मातहतों का साथ नहीं मिलेगा. थकान रहेगी. व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा. बुरी खबर प्राप्त हो सकती है. मेहनत अधिक होगी. लाभ के अवसर टलेंगे.

सिंह राशि:- पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी. अच्‍छे समाचार प्राप्त होंगे. मान बढ़ेगा. किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा. लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी. व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. जल्दबाजी न करें.

कन्या राशि:- सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. घर-बाहर पूछ-परख रहेगी. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा. धन प्राप्ति सु्गम होगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी. समय की अनुकूलता का लाभ लें. पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी.

तुला राशि:- योजना फलीभूत होगी. कार्यपद्धति में सुधार होगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. मेहनत सफल रहेगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. मान-सम्मान मिलेगा. कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा. शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें. विवेक का प्रयोग करें. भाग्य का साथ मिलेगा. वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा.

वृश्चिक राशि:- अध्यात्म में रुचि रहेगी. किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा. सुख-शांति बने रहेंगे. कारोबार मनोनुकूल चलेगा. मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा. लंबित कार्य पूर्ण होंगे. निवेश शुभ रहेगा. प्रसन्नता का वातावरण रहेगा. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. प्रमाद न करें.

धनु राशि:- वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें. वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं. कारोबार से लाभ होगा. निवेश में जल्दबाजी न करें. आय बनी रहेगी. थकान व कमजोरी रह सकती है. अज्ञात भय रहेगा. अनहोनी की आशंका रहेगी.

मकर राशि:- काम में मन नहीं लगेगा. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. आय में निश्चितता रहेगी. परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी. इच्‍छाशक्ति प्रबल करें. फालतू खर्च होगा. शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें. वाणी पर नियंत्रण रखें.

कुम्भ राशि:- डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है. यात्रा मनोनुकूल रहेगी. नए काम हाथ में आएंगे. कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी. समय की अनुकूलता का लाभ लें. मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. अज्ञात भय रहेगा. पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी. जल्दबाजी न करें.

मीन राशि:- नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा. परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी. यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी. नए काम मिल सकते हैं. कार्य से संतुष्टि रहेगी. प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा. कारोबार लाभदायक रहेगा. निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे. जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें. प्रमाद से बचें.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- शुक्रवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- चर              पहला- रोग

दूसरा- लाभ      दूसरा- काल

तीसरा- अमृत      तीसरा- लाभ

चौथा- काल      चौथा- उद्वेग

पांचवां- शुभ      पांचवां- शुभ

छठा- रोग             छठा- अमृत

सातवां- उद्वेग      सातवां- चर

आठवां- चर      आठवां- रोग

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

पंचांग 

शुक्रवार, 19 फरवरी, 2021

नर्मदा जयन्ती

रथ सप्तमी

भीष्म अष्टमी

मासिक कार्तिगाई

शक सम्वत 1942 शार्वरी

विक्रम सम्वत 2077

काली सम्वत 5122

दिन काल 11:17:19

मास माघ

तिथि सप्तमी - 10:59:47 तक

नक्षत्र कृत्तिका - 29:57:45 तक

करण वणिज - 10:59:47 तक, विष्टि - 24:18:24 तक

पक्ष शुक्ल

योग एन्द्र - 28:30:58 तक

सूर्योदय 06:56:34

सूर्यास्त 18:13:54

चन्द्र राशि मेष - 09:41:01 तक

चन्द्रोदय 11:16:59

चन्द्रास्त 25:03:00

ऋतु वसंत

अग्निवास पाताल - 10:58 ए एम तक, पृथ्वी

भद्रावास स्वर्ग से 10:58 ए एम से 12:16 ए एम, फरवरी 20

नक्षत्र शूल पश्चिम से 05:58 ए एम, फरवरी 20 से पूर्ण रात्रि

दिशा शूल पश्चिम

चन्द्र वास पूर्व - 09:41 ए एम तक , दक्षिण से 09:41 ए एम से पूर्ण रात्रि

राहु वास दक्षिण-पूर्व


Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-