रेबीज कोई बीमारी नहीं बल्कि एक ऐसा जानलेवा वायरस है जो व्यक्ति को मौत के दरवाजे तक ले जाता है. यह बीमारी कुत्तों के काटने से होती है. सबसे खतरनाक बात तो यह है कि इसके लक्षण बहुत देर में दिखने शुरू होते हैं. हर साल लाखों लोग रेबीज की वजह से अपनी जाम गवां देते हैं. मगर अब इस वायरस से जान गंवाने वाले लोगों को बचाया जा सकेगा.
मानवीय शरीर पर की जाएगी रेबीज की जांच
केंद्र सरकार ने मेडिकल कालेज में रेबीज डायनामिक प्रयोगशाला को स्थापित करने के लिए 24.50 लाख रुपए की ग्रांट जारी की है. उत्तर भारत की यह पहली प्रयोगशाला होगी जहां इंसानों के शरीर पर रेबीज की जांच और इलाज किया जाएगा. मेडिकल काॅलेज के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब में यह प्रयोगशाला बनाई जाएगी. इसके साथ ही वहां बायो सेफ्टी कैबिनेट, एलाइजा रीजर, वाॅशर, डीप फ्रीजर व फलोरेंट माइक्रोस्कोप सहित कई एडवांस चिकित्सा उपकरण भी इंस्टाल किए जाएंगे.
रेबीज से लड़ने के लिए लगाए जाएंगे इंजेक्शन
जब भी आवारा जानवर का शिकार हुआ व्यक्ति सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने जाएगा तो डाॅक्टर इसकी जानकारी डायनामिक प्रयोगशाला के इंचार्ज को देगा. जिसके बाद मरीज को उस प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. जहां मरीज की जांच की जाएगी. अगर व्यक्ति रेबीज वायरस से पीड़ित निकलता है तो मरीज के शरीर में रेबीज से लड़ने की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाए जाएंगे. इंजेक्शन लगाने के 10 से 15 दिन बाद मरीज के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हुई या नहीं इसकी जांच की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दुलर्भ बीमारी से पीड़ित है 5 महीने की बच्ची, जान बचाने चाहिए 16 करोड़ का इंजेक्शन