नई दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को मंत्रालयों और विभागों में सभी अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अनिवार्य किये जाने की वकालत की. उन्होंने सुझाव दिया कि, सरकार को परिवारों को रसोई गैस के लिये सब्सिडी देने के बजाए बिजली से चलने वाले खाना पकाने के उपकरण खरीदने को लेकर सहायता देनी चाहिए.
बिजली से खाना पकाने वाले उपकरणों पर सब्सिडी देने का सुझाव दिया- गो इलेक्ट्रिक अभियान शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, आखिर हम बिजली से खाना पकाने वाले उपकरणों के लिये सब्सिडी क्यों नहीं देते? हम रसोई गैस पर सब्सिडी पहले से दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिजली से खाना पकाने की प्रणाली साफ-सुथरी है और इससे गैस के लिये आयात पर निर्भरता भी कम होगी.
बता दें इससे पहले केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान में चमड़ा संकुल का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि ईंधन के बढ़ते दाम को देखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने लिथियम ऑयन और हाइड्रोजन सेल जैसे वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र में संभावना टटोलने के लिये कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि एल्युमीनियम ऑयन और स्टील ऑयन बैटरी पर भी चर्चा की जा रही है.
अकेले दिल्ली में 30 करोड़ रुपये महीने की हो सकती है बचत- गडकरी ने सुझाव दिया कि सभी सरकारी अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्य किये जाने चाहिए. उन्होंने बिजली मंत्री आरके सिंह से अपने विभाग में अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अनिवार्य करने का आग्रह किया. परिवहन मंत्री ने कहा कि वह अपने विभागों के लिये यह कदम उठाएंगे. गडकरी ने कहा कि दिल्ली में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से अकेले 30 करोड़ हर महीने की बचत हो सकती है. इस मौके पर सिंह ने घोषणा की कि दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयुपर के बीच फ्यूल सेल बस सेवा शुरू की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-