पटना. बिहार बोर्ड ने शुक्रवार को पहली पाली में ली गयी मैट्रिक की सोशल साइंस विषय की परीक्षा को रद्द कर दिया है. पहली पाली का पेपर परीक्षा शुरू होने के पूर्व ही वायरल होने के कारण बोर्ड ने यह निर्णय लिया है. रद्द हुई परीक्षा फिर से आठ मार्च को ली जायेगी. इस परीक्षा में आठ लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था. पेपर लीक करने के संबंध में जमुई जिले की एसबीआई की झाझा शाखा के तीन कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष से पूरे मामले की जानकारी ली थी और जांच करने व पेपर लीक बात सही पाये जाने पर परीक्षा रद्द करने का निर्देश दिया था. सीएम ने यह निर्देश विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर से यह मामला उठाया जाने के बाद दिया था
तेजस्वी यादव ने मैट्रिक परीक्षा में सोशल साइंस का पेपर लीक होने की सूचना की ओर आसन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित हैं. सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
बिहार बोर्ड के के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि जांच के क्रम में पाया गया कि जमुई जिले के झाझा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से प्रश्नपत्र लीक हुआ है. इस संबंध में वहां कार्यरत संविदा कर्मी विकास कुमार की संलिप्तता पायी गयी है. इसके अलावा इसी ब्रांच के दो अन्य कर्मी शशिकांत चौधरी व अजित कुमार की लापरवाही भी सामने आयी है. पुलिस इनकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है. इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके अलावा इस ब्रांच के एक अन्य कर्मी अमित कुमार सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है. बोर्ड की ओर से देर शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
बोर्ड ने बताया है कि प्रश्नपत्र, जिसका क्रमांक 111-0470581 था, परीक्षा शुरू होने के पूर्व किसी के वाट्सएप पर भेजे जाने की सूचना मिली थी. बोर्ड ने तुरंत जांच करायी, तो स्पष्ट हुआ कि वायरल प्रश्नपत्र जमुई जिले से भेजा गया था. इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष ने जमुई के डीएम और एसपी को पूरे मामले की जांच करने को कहा. डीएम और एसपी ने देर शाम संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी.
जांच रिपोर्ट में झाझा एसबीआइ के संविदा कर्मी विकास कुुमार की संलिप्तता पायी गयी. उसने बैंक से ही प्रश्नपत्र का फोटो खींच कर मैट्रिक परीक्षा दे रहे अपने एक रिश्तेदार के वाट्सएप पर परीक्षा शुरू होने के पहले ही भेजा दिया था. इसके अलावा उसने अन्य किसको यह प्रश्नपत्र भेजा है, इसकी पुलिस जांच कर रही है. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशाेर ने निर्देश दिया है कि इस मामले में जो भी सरकारी या निजी व्यक्ति सम्मिलित पाये जायेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी और गिरफ्तारी भी होगी.
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