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रूठी हुई पत्नी या पति को वापस लाने का महाउपाय

रूठी हुई पत्नी या पति को वापस लाने का महाउपाय

अगर आपके ववहिक जीवन मे पति/पत्नी से सबंधित समस्या आ रही हो पति/पत्नी नाराज होकर आपसे दूर चला गया हो या किसी ओर महिला के चक्कर मे आपसे दूर हो गया हो या दूर हो गई हो रविवार को या सोमवार को इस उपाय को करे में गारण्टी से लिख रहा हु आपकी समस्या का समाधान अवश्य होगा साथ मे कुंडली मे स्थित बुरे या खराब ग्रहों की कारक वस्तुओं को इस पूजा में शामिल करले तो आपके ग्रह भी शांत हो जाएंगे जिस भी व्यक्ति को प्रेमी/प्रेमिका के मामले में समस्या उठानी पड़ रही हो वो भी इस उपाय को कर सकते है लेकिन स्मरण रखे आपकी भावना साफ होनी चाहिए अन्यथा देवी के प्रकोप से आपको कोई नही बचा सकता साथ मे वो भी पीड़ित शुक्र या राहु की कारक चीजे पूजा में शामिल करले जिससे की भविष्य में इस प्रकार की समस्या उनको न हो:-

उपाय:-

सर्वप्रथम माता की कोई तस्वीर आप लाये माता को गुलाब के फूलों की माला चढ़ाए सफेद मिठाई का भोग लगाएं पंचोपचार से माता की पूजा करे गुरु पूजा भी करे जिनके गुरु न हो वो शिव को मानकर उनकी पूजा करे शरीर पर एक लाल वस्त्र होना जरूरी है चाहे बनियान ही क्यों न हो लेकिन लाल वस्त्र होना चाहिए आसन लाल होना चाहिए आसन न हो तो कोई लाल कपड़ा बिछा ले सर्वप्रथम शुद्धिकरण करकर अपने कार्य के लिए किये जारहे उपाय का उसमे आपन नाम पिता का नाम गोत्तर का उच्चारण करकर संकल्प करें उसके बाद प्रकृति में उपस्थित सभी माहापुरुषो की आत्माओ को प्रणाम कर गणेश जी की स्तुति करे और उनसे उपाय निर्विघ्न सम्पन्न होने की प्राथर्ना करे अपनी कुलदेवी पितृदेवताओ की स्तुति या प्राथर्ना करे कि जो उपाय आप कर रहे है उसमे वो आपको सफल करे उसके बाद गुरु मंत्र के रूप में ओम नमः शिवाय की माला 1 या 2 या 3 करे और जाप करकर वो जाप अपने गुरु/शिवजी को समर्पित करदे जाप रुद्राक्ष की माल से करे अन्यथा अंगुलियों पर भी कर सकते है उसके बाद दुर्गा सप्तशती की पुस्तक का पूजन करे फिर दुर्गा सप्तशती में दिए गए तरीके से शुद्धिकरण व शाप विमोचन करे शाप विमोचन के पश्चात एक माला ओम एम हरीम क्लीम चामुण्डायै विच्चै की करे माला जाप करकर दुर्गा सप्तशती के अष्ठम अध्याय के 108 पाठ करे हर श्लोक के पहले ओर बाद में क्लीम बीज मंत्र अवश्य लगाए 108 पाठ होने के पश्चात फिर एक माला ओम एम ह्रीं क्लीम चामुण्डायै विच्चै की करे व समस्त जाप को देवी के बाएं हाथ मे समर्पित करदे उसके बाद अष्ठम अध्याय के प्रत्येक श्लोक से आहुति दे आहुति में रक्त चंदन का चूरा घी में मिलाकर सभी श्लोकों की आहुति दे श्लोकों के पहले ओर बाद में क्लीम बीज मंत्र अवश्य लगाए उसके पश्चात 108 आहुति ओम एम ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै से करे उसके पश्चात एक पान देशी घी में भिगोकर 1 कमलगट्टा, 1 सुपारी, 2 लौंग, 2 छोटी इलायची, गुग्गुल, शहद यह सब चीजें सुरवा में रखकर खडे होकर सम्पूर्णाहूति  दे दे हाथ जोड़कर देवी से अपने कार्य की प्राथर्ना करे गलतियों की क्ष्मन मांगें

मेरा गारण्टी है आपका कार्य हो जाएगा थोड़ी मेहनत तो आपको करनी ही पड़ेगी अगर आप नही कर सके तो किसी पण्डित जी से ये क्रिया करवा लें

बहुत अच्छा उपाय है आपका कार्य अवश्य होगा साथ मे कुंडली अवश्य दिखा ले जिससे कि आपके पीड़ित ग्रहों से सबंधित चीजे आप पूजा में शामिल करले जिससे की आपके ग्रह भी शांत हो जाये

कृपया जिसको करना है वो करे और जिसका उद्देश्य कुतर्क करना है वो कुतर्क न करे मेहनत आपको ही करनी है

किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें- 9131366453

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



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