नई दिल्ली. देश में लगातार बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर पूरे देश में आम लोग परेशान है, ऐसे में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमण्यम ने पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसपर निर्णय जीएसटी परिषद को करना है.
सुब्रमण्यम ने हाल में फिक्की एफएलओ सदस्यों के साथ परिचर्चा में कहा, यह एक अच्छा कदम होगा. इसका निर्णय जीएसटी परिषद को करना है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने का आग्रह किया है. ईंधन कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम आदमी पर बोझ बढ़ा है. यह विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में एक प्रमुख मुद्दा है. सुब्रमण्यम ने कहा कि मुद्रास्फीतिक दबाव मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की महंगाई की वजह से है.
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