नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस वर्ष के बजट में कृषि के लिए उठाए गए कदमों पर सरकारी का पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार की ओर बजट में कृषि को लेकर कई जरूरी और बड़े कदम उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने कृषि कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कई योजनाओं के आवंटन को लेकर भी बात की.
पीएम मोदी ने बजट 2021-22 में कृषि के लिए उठाए गए कदमों पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है. ग्रामीण अवसंरचना निधि 40,000 करोड़ रु. माइक्रो इरीगेशन फंड दोगुना किया गया है.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को कृषि उत्पादन बढ़ाने के बीच फसल के बाद या खाद्य प्रसंस्करण क्रांति और मूल्य संवर्धन की आवश्यकता है. पीएम ने कहा कि यह देश के लिए अच्छा होता कि यह 2-3 दशक पहले किया गया होता.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज ये समय की मांग है कि देश के किसान की उपज को बाजार में ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिलें. सिर्फ उपज तक किसानों को सीमित रखने का नुकसान देश देख रहा है. हमें देश के कृषि क्षेत्र का प्रोसेस्ड फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है. इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले. खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प्रधानमंत्री मोदी ने लगवाया कोरोना का टीका, कहा आओ भारत को कोरोना मुक्त बनायें
जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है: प्रधानमंत्री मोदी
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