नई दिल्ली. पिछले महीने यानी फरवरी में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन 1.13 लाख करोड़ रुपए रहा. लगातार पांचवीं बार त्रस्ञ्ज कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा. इसकी वजह यह है कि कोरोना के मामले घटने के बाद आर्थिक गतिविधियों में लगातार तेजी आ रही है और सरकार भी इकोनॉमी को मजबूती देने की कोशिशें कर रही है.
जीएसटी जैसी आर्थिक रिपोर्ट के आंकड़ों की पिछले साल के उसी महीने के आंकड़ों से तुलना कर देखा जाता है. इस हिसाब से फरवरी के जीएसटी कलेक्शन में सालाना आधार पर 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यानी फरवरी 2020 में जीएसटी कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ था, जो फरवरी 2021 में बढ़कर 1.13 लाख करोड़ रुपए हो गया.
बढ़त कहां से हो रही है?
जीएसटी के आंकड़े आयात होने वाले सामान पर लगने वाले टैक्स से बढ़ रहे हैं. जीएसटी कलेक्शन में इम्पोर्ट से रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी बढ़ा है. इसके ये मायने हैं कि इकोनॉमी में रिकवरी आने के बाद इम्पोर्ट बढ़ रहा है, जिस वजह से जीएसटी कलेक्शन पर अच्छा असर पड़ रहा है. इसी तरह डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से रेवेन्यू भी पिछले साल से 5 फीसदी ज्यादा रहा है. यानी घरेलू बाजार में सामान के लेनदेन से हासिल टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है.
जीएसटी कलेक्शन में इतनी तेजी क्यों है?
जीएसटी कलेक्शन में लगातार हो रही बढ़त का सबसे बड़ा कारण इसके लीकेज को रोकना है. पिछले 5-6 महीनों से जीएसटी की टीम अपने सिस्टम को मजबूत कर रही है. इससे फर्जीवाड़ा रुका है. सोमवार को ही जीएसटी की टीम ने महाराष्ट्र में 656 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों को पकड़ा. इसमें कुल 48 लोग और कंपनियां शामिल थीं. इसमें से 4 को गिरफ्तार किया गया है. पिछले हफ्ते ही जीएसटी की टीम ने कुछ ऐसे लोगों को पर्सनल फोन किया, जिनका कारोबार 1 करोड़ रुपए भी नहीं था. इन लोगों से यह पूछा गया कि उन्होंने त्रस्ञ्ज क्यों कम भरा है. यानी त्रस्ञ्ज टीम जानना चाहती है कि बिजनेस कैसा चल रहा है. खबर है कि त्रस्ञ्ज टीम अब चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अस्पतालों की स्क्रूटनी कर रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि रेवेन्यू विभाग को उनके इनकम टैक्स और इंडायरेक्ट टैक्स की फाइलिंग में अंतर मिला है. टैक्स अथॉरिटी ने इस बारे में कुछ अस्पतालों को नोटिस भी जारी किया है.
जीएसटी बढऩे का मतलब क्या है?
त्रस्ञ्ज बढऩे का मतलब साफ है कि कारोबारी स्थितियां अच्छी हैं. आमतौर पर जीएसटीञ्ज तभी दिया जाता है, जब आपका कारोबार चलता है. जैसे कोरोना में जब पूरा कारोबार बंद था, उस समय अप्रैल में त्रस्ञ्ज कलेक्शन गिरकर 32 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया था. अनलॉक शुरू हुआ तो जीएसटी कलेक्शन में तेजी आने लगी. इसे कह सकते हैं कि कारोबार पटरी पर है. इकोनॉमी अच्छी चल रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जीएसटी और ई-कॉसर्म के मुद्दे पर कैट के भारत बंद को लेकर बंटे व्यापारी संगठन
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