पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने पेट्रोलियम मंत्रालय व तेल कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि एथेनाल मिले पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लेने का क्या प्रावधान है, क्या एथेनॉल मिले पेट्रोल-डीजल पर 5 प्रतिशत से अधिक टैक्स नहीं लिया जा सकता. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त नोटिस जारी किया है.
जबलपुर हाईकोर्ट में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर एक जनहित याचिका के माध्यम से नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर के संयोजक मनीष शर्मा ने पक्ष रखा कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने पांच प्रतिशत ही टैक्स लेने का नियम बनाया था. लेकिन इस पर 51 प्रतिशत टैक्स वसूला जा रहा है. इसी मामले में आज चीफ जस्टिस व विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच में सुनवाई हुई.
याचिकाकर्ता मनीष शर्मा की ओर से अधिवक्ता सुशांत श्रीवास्तव ने पक्ष रखा. इस याचिका में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय सहित सभी ऑइल कंपनियों को पक्षकार बनाया गया है. अधिवक्ता सुशांत श्रीवास्तव ने तर्क रखा कि पांच प्रतिशत टैक्स की बजाय 18 प्रतिशत केंद्र सरकार और 33 प्रतिशत टैक्स राज्य सरकार वसूल रही है. ऑयल कंपनियां अभी 7 से 10 प्रतिशत एथेनॉल मिला रही हैं.
इसे 2025 तक 20 प्रतिशत और 2030 तक 30 प्रतिशत तक ले जाने का टारगेट रखा गया है. नियमा के अनुसार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल पर महज पांच प्रतिशत टैक्स लिया जाए तो आम लोगों को 4 से 6 रुपए सस्ते में डीजल-पेट्रोल मिलेगा. सरकार ने दस वर्षों में खरबों रुपए वसूल किए है. सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने आज चौथे दिन को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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