इस्लामाबाद. सीनेट में एक कड़े मुकाबले में वित्त मंत्री के चुनाव हारने के बाद इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरूवार को कहा कि वह अपनी सरकार की वैधता साबित करने के लिए शनिवार को विश्वास मत का सामना करेंगे. इमरान खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान यह घोषणा की.
इसके साथ ही उन्होंने लोकतंत्र का मजाक बनाने के लिए महागठबंधन की आलोचना की और कहा कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे. वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को बुधवार को सीनेट चुनाव में मिली हार के मद्देनजर अपनी सरकार की वैधता को बरकरार रखने के लिए विश्वास मत हासिल करने से पहले खान ने यह संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि गद्दारों को चैन से नहीं बैठने नहीं दूंगा.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार शेख को हराकर प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बड़ा झटका दिया, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया था.
इमरान खान ने कहा कि मैं शनिवार विश्वास मत हासिल करूंगा. मैं अपने सदस्यों से यह दिखाने के लिए कहूंगा कि उनका मुझ पर विश्वास है. अगर वे कहते हैं कि उन्हें कोई भरोसा नहीं है, तो मैं विपक्षी बेंच पर बैठूंगा. खान ने कहा कि अगर मैं सरकार से बाहर होता हूं, तो मैं लोगों के पास जाऊंगा और उन्हें देश के लिए अपना संघर्ष जारी रखने के लिए कहूंगा. मैं इन गद्दारों को शांति से नहीं बैठने दूंगा. मैं उन्हें गद्दार कहता हूं क्योंकि वे लुटेरे हैं.
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में खान की पार्टी के 157 सदस्य हैं. निचले सदन में विपक्षी पीएमएल-एन और पीपीपी के क्रमश: 84 और 54 सदस्य हैं. राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को शनिवार को नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने के लिए कहा गया है. साथ ही सत्तारूढ़ दल और उसके सहयोगियों के सदस्यों को शनिवार को इस्लामाबाद में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं.
इस बीच प्रधानमंत्री खान ने सीनेट चुनाव का उल्लेख करते हुए इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन्होंने सीनेटर बनने के लिए अन्य को रिश्वत देने के आरोप भी लगाए. खान ने सांसदों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए पाकिस्तान में लोकतंत्र का मजाक बनाने की बात भी कही.
इमरान खान ने 2018 के उस दौर को भी याद किया, जब उनकी पार्टी के 20 सांसदों ने पैसे लेकर अपना वोट कथित तौर पर बेच दिया था. प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर चुनाव में भ्रष्टाचार को रोक पाने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया.
गौरतलब है कि गिलानी की जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने खान की भारी आलोचना की और मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. परिणाम घोषित होने के कुछ घंटे बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास मत हासिल करने का फैसला किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजपक्षे सरकार का फैसला, श्रीलंका के मुस्लिम सांसदों से नहीं मिल सकेंगे इमरान
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