जबलपुर में पालिटेक्निक कालेज के प्राचार्य पर आरोप, पूर्व कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर कर महिला प्रोफेसर को 10 वर्ष से कर रहे प्रताडि़त

जबलपुर में पालिटेक्निक कालेज के प्राचार्य पर आरोप, पूर्व कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर कर महिला प्रोफेसर को 10 वर्ष से कर रहे प्रताडि़त

प्रेषित समय :20:56:11 PM / Sun, Mar 14th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित पालिटेक्निक कालेज के प्राचार्य आरसी पांडेय द्वारा पूर्व कलेक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर कर महिला प्रोफेसर को दस वर्षो से प्रताडि़त किया जा रहा है, इस आशय के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कर कानूनी कार्यवाही की मांग महिला प्रोफे सर सहित पूर्व कलेक्टर छबि भारद्वाज ने वर्तमान कलेक्टर से क रते हुए आश्वयक कार्यवाही करने क हा गया है.

                               खबर है कि पालिटेक्निक कालेज में 6 अप्रैल 2010 को इलेक्ट्रॉनिक्स विषय की व्याख्याता के रूप में पदस्थ प्रोफेसर राखी ठाकुर को प्राचार्य द्वारा ज्वाईनिंग के बाद से ही फर्जी हस्ताक्षरों से जारी आदेश पत्रों से प्रताडि़त किया जा रहा है. मामला महिला प्रोफेसर की जानकारी में तब आया जब उन्होंने स्वयं को मिले पत्रों के विषय में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी पाकर जांच की.  जिसे देख वे हतप्रभ रह गई, जिससे यह बात साफ हुई कि ऐसा कोई पत्र कलेक्टर कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ. यही नहीं उन्हें पूर्व कलेक्टर छवि भारद्वाज द्वारा पता चला कि उक्त दस्तावेज में उन्होंने हस्ताक्षर किए ही नहीं. सूत्रों के अनुसार श्रीमति ठाकुर ने पीएचडी इंन्क्रीमेंट के लिए प्राचार्य से कोई राहत न मिलने पर कलेक्टर जबलपुर पदेन अध्यक्ष कालेज स्वशासी समिति को आवेदन किया था, जिससे नाराज प्राचार्य डा आरसी पांडे ने तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्वाज के कथित फर्जी हस्ताक्षर युक्त कलेक्टर कार्यालय का पैड निर्मित किया जिसमें ये लिख दिया कि क्यों न श्रीमती ठाकुर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की कार्यवाही की जाए. प्रशासनिक सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार श्रीमति ठाकुर द्वारा दी गई इनके द्वारा शासकीय मद से वेतन पाते रहने के लिए जो तत्कालीन कलेक्टर का पत्र कोषालय अधिकारी को प्रस्तुत किया है वो भी नकली प्रतीत होता है.

आरोप लगाया गया है कि डॉ पांडे लगातार कलेक्टर कार्यालय के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका अपने लाभ और दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इसमें कलेक्टर कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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