इलाहाबाद विवि की वीसी की अजान से नींद में खलल, शिकायत पर मुस्लिम धर्मगुरु का पलटवार, कहा- तो सुबह होने वाला कीर्तन भी गलत

इलाहाबाद विवि की वीसी की अजान से नींद में खलल, शिकायत पर मुस्लिम धर्मगुरु का पलटवार, कहा- तो सुबह होने वाला कीर्तन भी गलत

प्रेषित समय :15:49:41 PM / Wed, Mar 17th, 2021

प्रयागराज. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा लाउडस्पीकर पर अजान से होने वाली परेशानी की शिकायत का मामला तूल पकड़ रहा है. बुधवार को शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने संगीता श्रीवास्तव पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह तो सुबह होने वाले कीर्तन भी गलत हैं.  कुलपति को अपनी शिकायत वापस लेना चाहिए. वहीं, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ङ्कष्ट की शिकायत पर कड़ा ऐतराज जताया है.

बेमतलब की बातों में आवाम को न उलझाएं

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि इलाहाबाद के वीसी को मालूम होना चाहिए कि पूरा देश गंगा-जमुनी तहजीब के लिए मशहूर है. पूरी दुनिया में इसके लिए जाना जाता है. इस देश के सभी लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं. यही वजह है कि मस्जिदों से अजान और मंदिरों से कीर्तन-भजन की आवाज फिजां में गूंजती है. कभी किसी को इससे कोई परेशानी नहीं हुई तो इस तरह की बातें करना बेमतलब है.

सुन्नी धर्मगुरुओं ने कही ये बात

सुन्नी धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मस्जिदों में अजान होती है तो मंदिरों में आरती भी होती है. जिस शहर से कुलपति आती हैं, वहां बड़ा कुंभ होता है. पूरे महीने लाउडस्पीकर की आवाजें उठती हैं. सड़कें भी बंद होती हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान ने कोई चि_ी नहीं लिखी. कांवड़ यात्रा निकलती है. होली का मौका होता है तो सड़कें भी बंद होती हैं. लाउडस्पीकर भी बजते हैं, लेकिन किसी भी मुसलमान को कई आपत्ति नहीं. मुझे लगता है कि यह सोची समझी साजिश का हिस्सा है.

भाजपा प्रवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेश का दिया हवाला

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि नमाज के समय मस्जिदों से की जाने वाली अजान धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आता है. यह इस्लाम का एक अभिन्न अंग है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य उपकरण का उपयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मई 2020 को ऐतिहासिक फैसले में इस प्रकार के उपकरणों के माध्यम से की जाने अजान को गैरकानूनी बताते हुए शासन से इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था. उच्च न्यायालय का मानना है कि इससे लोगों की निजता प्रभावित होती है. रात 10.00 बजे से सुबह से 6 तक लाउडस्पीकर के प्रयोग को उच्च न्यायालय ने वर्जित किया था. आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक बड़े अधिकारी ने इस प्रकार से अपनी नींद प्रभावित होने की जिस प्रकार की मांग है, उसको उच्च न्यायालय ने पहले ही समझते हुए स्वीकार किया था.

यह है पूरा मामला

इलाहाबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि मस्जिद में होने वाली अजान की वजह से उनकी नींद खराब हो रही है. लिहाजा इसको बंद करवाया जाए. उन्होंने कमिश्नर संजय गोयल, DM कवींद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी और एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से लिखित शिकायत की है. इसके बाद मस्जिद कमेटी ने मीनार पर लगे लाउडस्पीकर का रुख वीसी संगीता श्रीवास्तव के घर से दूसरी तरफ कर दिया है. लाउडस्पीकर का वॉल्यूम भी कम कर दिया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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