मुंबई. स्टार्टअप्स की लिस्टिंग को बढ़ाने के लिए सेबी ने गुरुवार को नियमों में कुछ रियायतें देने का फैसला किया है. इनमें प्री-इश्यू कैपिटल के लिए होल्डिंग पीरियड में कटौती और योग्य निवेशकों को उचित तरीके से अलॉटमेंट की इजाजत देना शामिल है. सेबी ने बोर्ड मीटिंग के बाद एक बयान में बताया कि इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफार्म पर लिस्टिंग के लिए फ्रेमवर्क में बदलावों को मंजूरी दी गई है.
सेबी ने कहा कि बोर्ड ने सेबी रेगुलेशंस के तहत इन्वेस्टर्स ग्रोथ प्लेटफार्मके फ्रेमवर्क के संबंध में प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. इनका मकसद आगे बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए प्लेटफार्म को ज्यादा सुगम बनाना है. रेगुलेटर ने योग्य निवेशकों द्वारा इश्यूर कंपनी के प्री-इश्यू कैपिटल के 25 फीसदी होल्डिंग की अवधि को वर्तमान दो साल की जरूरत से घटाकर एक साल करने का फैसला किया है.
आईजीपी के उद्देश्य के लिए टर्म को इनोवेर्टस ग्रोथ प्लेटफार्म इन्वेस्र्टस कर दिया गया है. ऐसे निवेशक की प्री-इश्यू शेयर होल्डिंग जारी करने वाली कंपनी के प्री-इश्यू कैपिटल के पूरे 25 फीसदी के लिए देखा जाना चाहिए, वर्तमान की केवल 10 फीसदी की सीमा की जगह, मेन बोर्ड में कंपनियों की लिस्टिंग के प्रावधानों की तर्ज पर, सेबी ने फैसला किया है कि आईजीपी पर इश्यू कंपनी को इश्यू साइज के 60 फीसदी तक उचित तरीके से आवंटित करने की मंजूरी मिलनी चाहिए.
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