कुंडली में सरकारी शिक्षक या शिक्षिका बनने के ज्योतिषीय योग

कुंडली में सरकारी शिक्षक या शिक्षिका बनने के ज्योतिषीय योग

प्रेषित समय :19:53:32 PM / Sun, Apr 4th, 2021

ज्योतिष शास्त्र में अध्यापन क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिये कुंडली में गुरु तथा बुध का बली होना आवश्यक है.

गुरु ज्ञान के कारक माने जाते हैं तथा बुध बुद्धि के कारक होते हैं. कुंडली में इन दोनों ग्रहों की शुभ स्थिति तथा इनका लग्न, धन, विद्या, रोग व सेवा, कर्म, लाभ स्थान से किसी भी प्रकार युति, दृष्टि संबंध स्थापित होने पर व्यक्ति को अध्यापन क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.

जन्मकुंडली में सरकारी शिक्षक/ शिक्षिका बनने के ग्रह योग:-

किसी भी सरकारी नौकरी क़े लिए 2 भाव 6 भाव 10 भाव अर्थात अर्थ त्रिकोण का संबंध सत्ता सरकार कारक सूर्या का संबंध 2 6 10 भावों मै लगन कुंडली चंद्रा कुंडली नव्मन्श कुंडली दशमांश कुंडली मै दशा अंतरदशा गोचर अस्टक्वर्ग बिंदु क़े साथ देखा जाता है.

जातक की  कुंडली मै बुध गुरु सूर्या क़े साथ 2, 6, 10, भाव अर्थ त्रिकोण संबंध बनाए तो सरकारी अध्यापक की नौकरी प्राप्त होती है.

अध्यापक योग:-

1. पंचमेश बली होकर पंचम भाव या केन्द्र में स्थित हो तो जातक अध्यापक होता है.

2. बुध स्वराशि में या सिंह राशि में हो और पंचम भाव में बुधादित्य योग हो तो जातक अध्यापक होता है.

3. पंचमेश पंचम भाव में और बुध व गुरु की युति एकादश भाव में हो  विश्‍वविद्यालय में शिक्षक होता है.

4. बुध और गुरु सप्तम या दशम भाव व सूर्य द्वितीय भाव में हो तो जातक शिक्षक होता है.

5. शुक्र सातवें, सूर्य पांचवे एवं गुरु दसवें भाव में हो तो जातक शिक्षक बनता है.  

6. यदि कुंडली में हंस योग, भद्र योग उपस्थित हो तो व्यक्ति अध्यापन क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है.

7. गुरु व बुध की केंद्र में स्थिति, दोनों का एक दूसरे से युति व दृष्टि संबंध हो तो जातक शिक्षक होता है. 

8. फलदीपिका के अनुसार यदि दशमेश के नवमांश का अधिपति गुरु हो तो व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र  में करियर बनांता है.

9. लग्न तथा चंद्र कुंडली से लग्नेश, पंचमेश, दशमेश का संबंध गुरु तथा बुध से बनने पर अध्यापन क्षेत्र द्वारा जीविका अर्जन होती है.

10. सूर्य का धन स्थान, पंचम, सेवा, कर्म में गुरु व बुध से संबंध सरकारी अध्यापन क्षेत्र में सेवा प्राप्त करने में सफलता प्रदान करता है.

11. यदि कुंडली में गजकेसरी योग उपस्थित हो तथा उसका संबंध धन, पंचम, दशम स्थान से बन रहा हो. शिक्षा क्षेत्र में सफलता मिलती है.

12.  कुंडली मै 2, 5, 9, 10, 11, भावों मै बुध आदित्य योग बने सूर्या और बुध योगकारक हो तो अध्यापक बन सकते है

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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