नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर से पूरे देश में हाहाकार है. हर दिन तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. इस बीच बिजली की मांग में इजाफा हुआ है. दरअसल, देश में बिजली की खपत अप्रैल के पहले पखवाड़े में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 45 फीसदी बढ़कर 60.62 अरब यूनिट पर पहुंच गई. बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
इससे पता चलता है कि देश में बिजली की इंडस्ट्रियल और कमर्शियल मांग सुधर रही है. पिछले साल अप्रैल के पहले पखवाड़े (एक से 15 अप्रैल, 2020) के दौरान बिजली की खपत 41.91 अरब यूनिट रही थी. वहीं अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग (एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति) पिछले साल की समान अवधि के 132.20 गीगावॉट से कहीं ऊंची रही.
एक दिन की मांग 182 गीगावॉट
चालू महीने के पहले पखवाड़े में आठ अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की मांग 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई. यह पिछले साल अप्रैल में पूरे महीने में दर्ज 132.20 गीगावॉट से 38 फीसदी ज्यादा है.
पिछले साल अप्रैल में घटी थी मांग
पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी. इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस की वजह से मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाया गया लॉकडाउन था. इसके साथ ही पिछले साल अप्रैल में व्यस्त समय की बिजली की मांग एक साल पहले के 176.81 गीगावॉट से घटकर 132.20 गीगावॉट रही थी. विशेषज्ञों कहना है कि चालू महीने के पहले पखवाड़े में बिजली की ऊंची मांग पिछले साल की समान अवधि के निचले आधार प्रभाव की वजह से है. हालांकि, इससे स्पष्ट तौर पर इंडस्ट्रियल और कमर्शियल गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है. हालांकि, इसके साथ ही विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोविड-19 संक्रमण के मामले बढऩे के बीच इंडस्ट्रियल और कमर्शियल गतिविधियां प्रभावित होने से आगामी दिनों में बिजली की मांग में गिरावट आ सकती है
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना से कोहराम के बीच अब जेईई मेंस की परीक्षा भी स्थगित, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
एमपी के ग्वालियर में कोरोना संक्रमित महिला से वार्ड ब्वॉय ने की अश्लील हरकत, दुष्कर्म का केस दर्ज
राजस्थान में पूरे देश में सबसे सस्ता कोरोना टेस्ट, सिर्फ 350 रुपए में प्राइवेट लैब करेंगी जांच
Leave a Reply