नई दिल्ली. देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रेलवे में अपने कोविड कोच को एक बार फिर से मरीजों की देखभाल के लिए तैयार कर लिया है. रेलवे के पास अभी 4002 ऐसे कोच हैं, जिन्हें कोरोना कोच के रूप में परिवर्तित किया गया है. बता दें कि महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में कोरोना से खराब होते हालात के चलते बेड न होने के बाद पश्चिम रेलवे ने 21 आइसोलेशन ट्रेन कोच मुहैया कराया है. वहीं दिल्ली सरकार ने भी कोविड कोच की मांग की है. दिल्ली सरकार ने इन कोचों को आनंद विहार और शकूर बस्ती में लगाने को कहा है.
कोविड कोच के लिए रेलवे ने पिछले साल अपने स्लीपर और कुछ जनरल कोच को मॉडिफाई किया था, इसमें ऑक्सीजन सिलिंडर और बाकी जरूरी उपकरण भी रखे गए थे. लेकिन मेटल बॉडी के कोच के अंदर भारी गर्मी में पेशेंट को रखना संभवत: और ज़्यादा मुश्किल खड़ी कर सकता है. इसलिए कोरोना के मौजूदा लहर में इसकी मांग नहीं आई है.
पिछले साल भी केवल 200 कोच का हुआ था इस्तेमाल
पिछले साल भी मुश्किल से ही कुछ दिनों के लिए 200 कोच का इस्तेमाल हो पाया था. रेलवे के इन कोच में कुछ को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ, बिहार के भागलपुर, दिल्ली के शकूरबस्ती और आनंद बिहार जैसे स्टेशनों पर तैनात किया था. साथ ही कुछ जगहों पर इनका इस्तेमाल भी हुआ था. लेकिन उस समय भी बड़े पैमाने पर कोविड कोच का इस्तेमाल नहीं किया गया.
कोच तैयार करने में 1000 करोड़ का खर्च आया है
सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने कऱीब 4000 कोविड कोच तैयार करने में 1000 करोड़ का खर्च भी किया है लेकिन इस समय इसकी मांग कहीं से नहीं आई है. रेलवे ने इन कोचेस को देशभर के सभी 16 ज़ोन के अलग-अलग शहरों में तैनात कर रखा है, ताकि जरूरत पडऩे पर इनका फौरन इस्तेमाल किया जा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के ग्वालियर में कोरोना संक्रमित महिला से वार्ड ब्वॉय ने की अश्लील हरकत, दुष्कर्म का केस दर्ज
कोरोना से कोहराम के बीच अब जेईई मेंस की परीक्षा भी स्थगित, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
राजस्थान में पूरे देश में सबसे सस्ता कोरोना टेस्ट, सिर्फ 350 रुपए में प्राइवेट लैब करेंगी जांच
Leave a Reply