कोटा. कोरोना महामारी के दौर में रेल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अपने स्टाफ से पूरी सुरक्षा व संरक्षा के साथ काम कराये, ताकि वे संक्रमित नहीं हों. इसलिए प्रशासन का दायित्व है कि वह स्टाफ को जरूरी सुरक्षा सामग्रियां उपलब्ध कराएं. साथ ही 50 फीसदी स्टाफ को रोटेशनल एक दिन छोड़कर एक दिन ड्यूटी पर बुलाएं. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खॉन ने बताया कि यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने मण्डल रेल प्रबधंक कोटा को ज्ञापन देते हुये कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिये रेलवे को कर्मचारियों के लिये हर सम्भव प्रयास करना होगा.
इसमें सभी कर्मचारियों के लिये मास्क सेनेटाईजर, साबुन एवं ग्लब्स तथा जहॉ स्टाफ पब्लिक के बीच फ्रन्ट लाईन में काम करते है, उन के लिये फेस स्क्रिन, उपलब्ध करना चाहिये. साथ ही साथ रेलवे कार्यस्थलों में उपयोग मे आने वाले टूल्स, उपकरण एवं इंजन, ब्रेक वाहन एवं लाईन बॉक्स इत्यादि को भी सेनेटाईजर कराया जाये एवं जहॉ तक सम्भव हो वहॉ पर 50 प्रतिशत कार्यक्षमता के अनुसार रेल कर्मचारियों को कार्य के लिये बुलाया जाऐं . इसमें वाणिज्य, चैकिग, पार्सल, ऑपरेटिंग, यातायात, लोको मेडीकल, कैरिज एवं वैगन, इलेक्ट्रिकल, टेऊन लाईटिंग, इन्जीनियरिंग, पीवे, कार्य, मिनिस्टीरियल, सिग्नल, टेलीकॉम, वैगन रिपेयर शॉप इत्यादि सभी कर्मचाारियों को अतिआवश्यकता पडऩे पर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुये ही कार्य पर बुलाया जाये. महामारी को देखते हुये मण्डल रेलवे चिकित्सालय में अतिरिक्त डॉक्टर एवं सभी मेडीकल स्टाफ की तुरन्त प्रभाव से नियुक्ति की जावें एवं सभी अतिआवश्यक दवाईयॉ मगवाई जावें. महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि किसी भी स्थिति के लिये रेलवे कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों को महामारी का शिकार नही होने दिया जाना चाहियें .
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना महामारी से लडऩे में देशों के बीच सहयोग की भावना मूल्यवान है: पीएम मोदी
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