मकर लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति रहस्य में होते हैं. इनका कोई भी कार्य निश्चित नहीं होता है. अपने उद्देश्यों के प्रति सचेत रहते हैं तथा ऊंची ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं. आत्मविश्वास बहुत ज्यादा होता है. अपने कार्यों के प्रति सर्वथा जागरूक रहते हैं और लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं. कभी भी लक्ष्य को अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देते हैं. ऐसे लोग जो भी योजना बनाते हैं पूरी तरह सोच समझकर बनाते हैं और फिर उस योजना पर परिश्रम के बल पर यह जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं. इस लग्न वाले व्यक्ति सामान्यतः लंबे एवं पतले होते है. गहरा गेहुंआ रंग लिए हुए होते हैं , जिसमे रक्तता भी स्पष्ट झलकती है. सीना , गर्दन एवं बाहों में उचित अनुपात होती है एवं सुंदर तथा आकर्षक व्यक्तित्व को लिए हुए होते हैं. ऐसे व्यक्ति कड़े केशों वाले होते हैं. दांत लंबे होते हैं. मुंह खुला हुआ होता है और मोटी मुस्कुराहट होती है. ऐसे व्यक्ति वातावरण को पहचानने एवं उसके अनुसार अपने आप को ढालने की पूरी सामर्थ्य रखते हैं. किस व्यक्ति से किस प्रकार से पेश आना चाहिए तथा किन कारणों से वातावरण सुधर सकता है इसका इन्हें पूर्ण ज्ञान होता है.
जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव देखते हैं तथा यह व्यक्ति स्वयं निर्मित होते हैं. अर्थात जीवन में इन्हें कुटुंब से नहीं के बराबर सहयोग प्राप्त होता है. आर्थिक दृष्टि से यह कमजोर होते हैं , क्योंकि सर्वदा आय से खर्च बढ़ा चढ़ा ही रहता है. यद्यपि यह पैसे इकट्ठा करने की और पूर्णतः सचेत रहते हैं परंतु फिर भी धन का अभाव रहता है. जीवन में कई बार आकस्मिक खर्चे आ जाते हैं परंतु साथ ही साथ ऐसे व्यक्ति इस मामले में सौभाग्यशाली होते हैं कि धन की कमी के कारण इनका कोई काम रुकता नहीं है , कोई न कोई सहायता दे देता है या कुछ ना कुछ ऐसा जुगाड़ बैठ जाता है कि इनका कार्य संपन्न हो जाता है. ऐसे व्यक्ति भूत-प्रेतों में विश्वास रखते हैं एवं देवी-देवताओं के प्रति भी इनके दिल में श्रद्धा होती है. इस तत्व प्रधान व्यक्ति बाहर से ऐसे दिखते हैं मानो यह क्रांतिकारी हो तथा रूढ़ियों को व्यर्थ समझते हो परंतु वास्तविकता में ऐसा कर नहीं पाते. पूर्णतः धर्म भीरु होते हैं एवं सामाजिक रीति-रिवाजों को मानने के लिए बाध्य होते हैं. इनका परिवारिक जीवन अधिक सुखद नहीं कहा जा सकता है.
पत्नी पर या पति पर अपने विचार थोपना चाहते हैं परंतु सामने वाला पक्ष ऐसा मानता नहीं और इस प्रकार मनमुटाव चलता रहता है. पति - पत्नी की दोनों की रुचियाँ , दोनों का व्यवहार और दोनों के आदर्श अलग होते हैं फल स्वरुप परिवारिक सुख मिलाजुला ही कहा जा सकता है. ऐसे व्यक्ति बहुत जल्द अपने आप को हीन भावना का अनुभव करने लग जाते हैं. जरा सी संकट आने पर विचलित हो जाते हैं साथ ही जरा सा अप्रिय घटित हो जाने पर उनके हाथ-पांव फूल जाते हैं और उदास हो जाते हैं. ऐसे व्यक्ति बहुत अधिक बोलते हैं. वाक शक्ति पर इनका नियंत्रण नहीं रहता है. यह अच्छे अभिनेता होते हैं तथा क्षण क्षण में रूप बदलने में पारंगत होते हैं. व्यापारिक क्षेत्र में यह व्यक्ति सफल होते हैं. इनके दिमाग का ढांचा भी व्यापारिक होता है. अस्थिरता की वजह से यह हानि भी उठाते हैं. साथ ही मजबूती से तुरंत निर्णय करने की शक्ति का इनमें अभाव होता है. स्मरण शक्ति के अभाव के कारण यह परेशान भी रहते हैं तथा हानि भी उठाते हैं.
मकर लग्न में ग्रहों का महत्व
सूर्य आपकी कुंडली में आयु के स्वामी होते हैं. सूर्य आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं.
चंद्रमा आपकी कुंडली में पत्नी एवं दैनिक व्यवसाय के स्वामी होते हैं. चंद्रमा आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं.
( सूर्य एवं चंद्रमा कभी भी मारक नहीं होते हैं )
मंगल आपकी कुंडली में माता , भूमि , भवन , बड़े भाई एवं आमदनी के स्वामी होते हैं. मंगल आपकी कुंडली में स्वास्थ्य के लिए अकारक ग्रह होते हैं परंतु आमदनी के लिए अच्छे होते हैं.
बुध आपकी कुंडली में भाग्य , धर्म , उच्च शिक्षा , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं. बुध आपकी कुंडली में कारक एवं सामान्य अकारक ग्रह होते हैं.
गुरु आपकी कुंडली में है छोटे भाई , पराक्रम , बाहरी स्थानों से संपर्क एवं खर्च के स्वामी होते हैं. गुरु आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं.
शुक्र आपकी कुंडली में विद्या , बुद्धि , संतान , पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं. शुक्र आपकी कुंडली में राजयोग कारक ग्रह होते हैं.
शनि आपकी कुंडली में शारीरिक स्वास्थ्य , सौंदर्य , आयु , धन एवं कुटुम्ब के स्वामी होते हैं. शनि आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं.
व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है. इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है.
- Astrologer Nirmal choudhary
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ज्योतिष विद्या क्या कहती है कोरोना के इस नये विस्फोट पर ?
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