वैशाख मास स्नान आरंभ

वैशाख मास स्नान आरंभ

प्रेषित समय :19:46:35 PM / Wed, Apr 28th, 2021

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख मास स्नान आरंभ हो जाता है. यह स्नान पूरे वैशाख मास तक चलता है. इस बार वैशाख मास स्नान 27 अप्रैल, मंगलवार से प्रारंभ हो चुका  है.

स्कंदपुराण में वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम बताया गया है. पुराणों में कहा गया है कि वैशाख मास में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति स्नान करता है तथा व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है. स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था. इसमें व्रती को प्रतिदिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर अथवा घर पर ही स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय अर्ध्र्य देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए-

वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:

अध्र्यं तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन.

वैशाख व्रत महात्म्य की कथा सुनना चाहिए तथा ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए. व्रती को एक समय भोजन करना चाहिए. वैशाख मास में जलदान का विशेष महत्व है. इस मास में प्याऊ की स्थापना करवानी चाहिए. पंखा, खरबूजा एवं अन्य फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए.

 स्कंदपुराण के अनुसार इस मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांसे के बर्तन में भोजन करना, दो बार भोजन करना, रात में खाना आदि वर्जित माना गया है. वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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