- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
जीवन में ऐसे कई अवसर आते हैं जब हमारे अपने ही हमारी राह में बाधा बन जाते हैं, ऐसा तब होता है जब उस संबंधी से संबंधित ग्रह अनुकूल नहीं हो. अनेक व्यक्तियों को अक्सर अपने ही लोगों के कार्यों से परेशानी होती है. कोई अपने भाई के कार्य से दुखी है तो कोई बेटे से, किसी को पत्नी से परेशानी है तो किसी को पति से, ऐसी तमाम समस्याओं से राहत मिल सकती है यदि संबंधित देव की पूजा-अर्चना की जाए.
* पिता के कारण परेशानी- सूर्य ग्रह के अकारक होने पर पिता से विरोधाभास या वैचारिक मतभेद हो सकता है, अत: सूर्योपासना द्वारा इस स्थिति से बचा जा सकता है.
* माता के कारण परेशानी- चंद्र की प्रतिकूलता के कारण माता से कष्ट संभव है, भगवान शिव की पूजा-आराधना से कष्ट मुक्ति संभव है.
* पत्नी के कारण परेशानी- यदि पत्नी से अनबन है, वैचारिक मतभेद है तो ऐसा शुक्र ग्रह के कारण हो सकता है, देवी लक्ष्मी की उपासना से ऐसे मामलों में राहत मिलती है.
* पति/बुजुर्गों से कष्ट- सामाजिक परिवर्तन के चलते दो पीढिय़ों में हमेशा विरोधाभास रहता है, किंतु ऐसा विरोधाभास जो आपको आपके मार्ग से विचलित करने लगे और पीड़ा का कारण बने तो ऐसा गुरु ग्रह के कारण होता है, इससे मुक्ति के लिए भगवान श्रीविष्णुदेव की आराधना करें. जिन्हें अपने पति से परेशानी है, वे भी भगवान श्रीविष्णुदेव की पूजा-अर्चना करें.
* सहयोगियों/कार्यकर्ताओं से परेशानी- यदि सहयोगियों और कर्मचारियों से परेशानी है तो अकारक शनिदेव के कारण संभव है. इस स्थिति में महावीर हनुमान की उपासना श्रेष्ठ है.
* पुत्र से परेशानी- केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव के कारण पुत्र से कष्ट संभव है, ऐसी स्थिति में राहत के लिए श्रीगणेश की आराधना उत्तम है.
* बहन/बेटी से परेशानी- बहन-बेटियों की पारिवारिक स्थितियां या गतिविधियों से यदि कष्ट हो तो बुध ग्रह इसका कारण है, अत: देवी पूजा-उपासना करके स्थिति को सुधारा जा सकता है.
* भाई/रक्त संबंधियों से परेशानी- मंगल ग्रह की प्रतिकूलता भाई और रक्त संबंधियों से कष्ट का कारण बनती है, ऐसी स्थिति में श्रीगणेश, श्रीराम और महावीर हनुमान की आराधना से स्थिति को अनुकूल किया जा सकता है.
* दुष्ट प्रकृति के व्यक्तियों से परेशानी- यदि आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपको अज्ञात शत्रुओं से भय है या आपके आसपास कुछ दुष्ट प्रकृति के व्यक्ति आपके विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, तो यह राहु के नकारात्मक प्रभाव के कारण संभव है, देवी सरस्वती की उपासना करें.
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा. वाहन सावधानी से चलाएँ. कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी. पूजा-पाठ में मन लगेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. झंझटों में न पड़ें. उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है.
वृष राशि:- (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
अपने काम से काम रखें. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें. आवास संबंधी समस्या हल होगी. आलस्य न करें. सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे. चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कुसंगति से हानि होगी.
मिथुन राशि:- (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा. व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी. व्यापार अच्छा चलेगा. रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा. राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा. प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. क्रोध पर नियंत्रण रखें. लाभ होगा.
कर्क राशि:- (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
व्यापार अच्छा चलेगा. कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी. रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है. पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी. लाभदायक समाचार मिलेंगे. भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे. रोजगार मिलेगा. शत्रु भय रहेगा. निवेश व नौकरी लाभ देंगे.
सिंह राशि:- (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. विवाद न करें. सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी. आर्थिक अनुकूलता रहेगी. रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा. राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं.
कन्या राशि:- (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
व्यावसायिक चिंता रहेगी. संतान के व्यवहार से कष्ट होगा. सहयोगी मदद नहीं करेंगे. व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें. वाहन चलाते समय सावधानी रखें. उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. शत्रु सक्रिय रहेंगे. शोक समाचार मिल सकता है. थकान महसूस होगी.
तुला राशि:- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
मेहनत का फल मिलेगा. कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी. व्यवसाय ठीक चलेगा. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा. व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है. कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें. धनार्जन होगा.
वृश्चिक राशि:- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे. पूर्व कर्म फलीभूत होंगे. परिवार में सुखद वातावरण रहेगा. व्यापार में इच्छित लाभ होगा. अतिथियों का आवागमन रहेगा. उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी. स्वाभिमान बना रहेगा. नई योजनाओं की शुरुआत होगी. संतान की प्रगति संभव है.
धनु राशि:- (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा. व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी. आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बेरोजगारी दूर होगी. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. जोखिम न लें. क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें. सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी.
मकर राशि:- (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. व्ययवृद्धि होगी. तनाव रहेगा. अपरिचितों पर विश्वास न करें. प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए. रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है. विरोधी परास्त होंगे. यात्रा कष्टप्रद हो सकती है. धैर्य एवं संयम बना रहेगा.
कुम्भ राशि:- (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी. धन प्राप्ति के योग हैं. स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे. संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं. व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन मिलेगा. प्रसन्नता रहेगी. जल्दबाजी न करें.
मीन राशि:- (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
नई योजना बनेगी. कार्यप्रणाली में सुधार होगा. मान-सम्मान मिलेगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें. कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी. कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें. व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा.
*आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.-
- रविवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग पहला- शुभ
दूसरा- चर दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ तीसरा- चर
चौथा- अमृत चौथा- रोग
पांचवां- काल पांचवां- काल
छठा- शुभ छठा- लाभ
सातवां- रोग सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग आठवां- शुभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
रविवार, 2 मई, 2021
शक सम्वत 1943 प्लव
विक्रम सम्व त2078
काली सम्वत 5123
दिन काल 13:16:38
मास वैशाख
तिथि षष्ठी - 14:52:24 तक
नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा - 08:59:40 तक
करण वणिज - 14:52:24 तक, विष्टि - 26:11:50 तक
पक्ष कृष्ण
योग साघ्य - 23:24:39 तक
सूर्योदय 05:40:01
सूर्यास्त 18:56:39
चन्द्र राशि धनु - 14:46:36 तक
चन्द्रोदय 24:45:00
चन्द्रास्त 10:13:59
ऋतु ग्रीष्म
अग्निवास पृथ्वी
भद्रावास पाताल से 02:50 पी एम से
02:09 ए एम, मई 03
दिशा शूल पश्चिम
चन्द्र वास पूर्व - 02:46 पी एम तक
दक्षिण से 02:46 पी एम से पूर्ण रात्रि
राहु वास उत्तर
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आज का दिनः शुक्रवार 30 अप्रैल 2021, जीवन के हर संकट से मुक्ति देंगे पार्वतीपुत्र श्रीगणेश!
आज का दिनः गुरुवार 29 अप्रैल 2021, ऐस्ट्रो डायरी से रहेगा भूत-भविष्य-वर्तमान का हिसाब!
आज का दिनः बुधवार 28 अप्रैल 2021, कोरोनाकाल ने दिखाया योग व भोग का विरोधाभास!
Leave a Reply