गया में मालकिन की मौत के बाद अंत्येष्ठी वाली जगह पर 4 दिनों तक भूखा-प्यासा बैठा रहा वफादार कुत्ता

गया में मालकिन की मौत के बाद अंत्येष्ठी वाली जगह पर 4 दिनों तक भूखा-प्यासा बैठा रहा वफादार कुत्ता

प्रेषित समय :16:35:58 PM / Fri, May 7th, 2021

गया. जब कभी वफादारी और दोस्ती की बात आती है, तो आज के दौर में इंसान से ज्यादा जानवरों के उदाहरण देखने को मिलते हैं. खासकर कुत्तों की वफादारी, इंसानों के मुकाबले कहीं ज्यादा भरासेमंद साबित होते रहे हैं. वफादारी का एक ऐसा ही मामला शेरघाटी के राम मंदिर मुक्तिधाम में देखने को मिला है. जहां एक कुत्ता पिछले चार दिनों से भूखा-प्यासा अपने मालकिन की अंत्येष्टि वाली जगह पर बैठा रहा.

स्थानीय व जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि एक मई को शहर के सत्संग नगर के रहने वाले भगवान ठठेरा की पत्नी की मौत हो गई थी. इसके बाद मृतका का राममंदिर घाट पर मोरहर नदी में अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में परिजनों के साथ उनका कुत्ता भी आया था. अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद सब लोग वापस लौट गए, लेकिन उनका कुत्ता वहीं बैठ गया, जो पिछले चार दिनों तक भूखा प्यासा बैठा रहा. वे बताते हैं कि शुरू में लोगों को कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन जब एक कुत्ता को लगातार अंत्येष्टि वाली जगह पर बैठा हुआ देखा गया तो लोगों ने उत्सुकतावश खोज खबर ली. तब सभी को कुत्ता की कहानी समझ में आई. वे बताते हैं कि अब इस घटना की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है.

लोग हटाने गए तो भौंकने लगा

संजय गुप्ता बताते हैं कि कुत्ता अपने मालकिन की मौत से इतना दुखी था कि अंत्येष्टि वाली जगह से हटना ही नहीं चाह रहा था. यहां तक कि कुछ लोग उसे हटाने गए तो उन पर गुस्से में भौंकने लगा. लेकिन आमलोग भी चिंतित थे कि वह चार दिनों से भूखा-प्यासा बैठा है. ऐसे में उसकी जान चली जाएगी. इसके बाद जब लोगों को इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं नजर आया तो सभी लोग वापस लौट गए. हालांकि, पांचवें दिन दिखाई नहीं दिया.

मालकिन को बहुत प्यार करता था कुता

बताया जाता है कि मालकिन सालों से कुत्ता को पाले हुई थी. कुत्ता को खाना मिला या नहीं. सबसे ज्यादा वह इस बात को लेकर चिंतित रहती थी. लोग बताते हैं कि दिन हो या रात, कुत्ता को खिलाने के बाद ही खाना खाती थी. जब कभी दूसरे मोहल्ले में कुत्ता चला जाता था और उसको लौटने में देर हो जाती थी तो वह काफी चिंतित हो जाती थी. कुत्ता को ढूंढने के लिए कई मोहल्ले का चक्कर लगा देती थी. यहीं कारण है कि कुत्ता भी उन्हें काफी प्यार करता था. हमेशा उनके आस पास ही रहता था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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