पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आज अचानक जबलपुर पहुंचे, जिन्होने अधिकारियों क ी बैठक में कहा कोरोना मामले में मरीजों के इलाज के संबंध में चर्चा की, इसके बाद उन्होने नकली रेमडेसिविर मामले व आक्सीजन न मिलने से हुई मौत के मामले में कहा कि आरोपी कोई भी बख्शा न जाए, ऐसे लोगों की तुलना तो जानवरों से भी नहीं की जा सकती है, ये तो जानवरों से भी ज्यादा गए गुजरे लोग है. चर्चा तो यह है कि सीएम के आने की खबर अधिकारियों को पहले ही लग गई थी, तभी सीएम के खौफ से बचने के लिए सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया, गैलेक्सी अस्पताल की 17 दिनों से चल रही जांच रिपोर्ट आनन-फानन में पेश हो गई, कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए.
सीएम श्री चौहान ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में जो भी हो उसपर कड़ी कार्यवाही की जाए, मैं पहले ही ऐसे लोगों की संपत्ति राजसात करने के निर्देश दे चुका हूं, ऐसे लोगों को जानवर कहना भी जानवर का अपमान करना है. सीएम शिवराजसिंह चौहान आज दोपहर सवा बजे के लगभग डुमना विमानतल पर पहुंचे थे, उन्होने कलेक्टर, एसपी से लेकर अन्य अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को आने से मना कर दिया था, उन्होने भोपाल से ही सोशल मीडिया के जरिए यह संदेश दे दिया था, वे बिना लाव लश्कर के सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक की. करीब दो घंटे तक चली बैठक के दौरान सतापक्ष व विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन की खामियों को सामने रखा, निजी अस्पतालों की लूट खसोट पर भी जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी बात को रखा, इसके पहले सीएम ने कलेक्टर को बुलाकर अलग से भी कुछ चर्चा की थी. सीएम शिवराजसिंह चौहान ने जबलपुर में जनप्रतिनिधियों द्वारा इस संकटकाल में एक जुटता के साथ काम करने की सराहना भी की है, उन्होने कहा कि ये ऐसा समय है जब सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी हम इस जंग को जीत सकते है. इसके बाद उन्होने दोपहर 3.30 बजे के लगभग करमेता स्थित कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया है, जिसका शुभारम्भ एक दिन पहले ही सांसद राकेश सिंह ने किया था. बैठक में विधायक अजय विश्रोई, नंदनी मरावी, अशोक रोहाणी, इंदु तिवारी, कांग्रेस विधायक तरुण भनोट, लखन घनघोरिया और विधायक विनय सक्सेना शामिल हुए.
अब सरबजीतसिंह मोखा को विश्व हिन्दू परिषद से हटाया-
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के साथ साथ संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है, इस आशय का निर्णय संगठन के पदाधिकारियों ने लिया है, प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि सरबजीत सिंह मोखा का नाम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया.
सीएम न आते तो दर्ज भी नहीं होती एफआईआर-
चर्चा तो यह है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आने की खबर अधिकारिक स्तर पर पहले ही लग गई थी, जिसके चलते आनन फानन में सिटी अस्पताल के संचालक पर प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की गई है, यहां तक कि गैलेक्सी अस्पताल के मामले में भी देर रात एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए, यदि सीएम शिवराजसिंह का आगमन न होता तो एफआईआर भी न होती, जांच तो गैलेक्सी अस्पताल के मामले में 17 दिन से चल ही रही थी, 25 लाख रुपए रेडक्रास सोसायटी में जमा कराकर क्लीन चिट देने की तैयारी तो कर ली थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में कोरोना पाजिविट मरीज के घर लाखों रुपए की चोरी..!
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