पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा एफआईआर दर्ज होने के बाद ही फरार हो गया है, वहीं उसके गुर्गे भी भूमिगत हो गए है, जिन्हे पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के मामले में नाम आने के बाद से ही पुलिस ने अपनी नजरें मोखा पर जमा ली थी, इसके बाद भी वह चकमा देकर भागने में सफल हो गया है.
बताया जाता है गुजरात के मोरबी शहर से पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसमें सात आरोपियों को गिरफ्तार कर 3370 नकली इंजेक्शन व 90 लाख रुपए बरामद किए गए, इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने जबलपुर से दवा कारोबारी सपन जैन को हिरासत में लिया, इसके बाद पुलिस ने उसके चाचा सत्येन्द्र जैन की अधारताल स्थित सत्यम मेडिकल को सील कर दिया, इसके अलावा मालवीय चौक, सिविक सेंटर की दुकानों को भी सील कर दिया गया, मामले में सपन के चाचा सत्येन्द्र जैन ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बुलवाने के मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा क ी कारगुजारियों का खुलासा किया, इसके बाद से ही पुलिस से पुलिस जांच में जुट गई.
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में मोखा जब फंसता हुआ दिखा तो उसने पहले तो अटैक आने पर भरती होने की खबर उड़ा दी, जिसपर पुलिस ने सिटी अस्पताल की घेराबंदी कर दी, पुलिस अस्पताल की घेराबंदी में जुटी रही और वह दूसरे रास्ते से फरार हो गया, पुलिस ने मामले में देर रात सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा, उसके मैनेजर देवेश चौरसिया व सपन जैन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया. जिसमें देवेश चौरसिया तो पुलिस की गिरफ्त में आ गया, सपन गुजरात पुलिस के हाथ पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, अब पुलिस की टीमें मोखा को पकडऩे के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है. सरबजीतसिंह मोखा के फरार होने के बाद उसके साथ रहने वाले गुर्गे भी भूमिगत हो गए है, जो सरबजीतसिंह मोखा के हर काम में साथ ही रहते थे, गुर्गो के पकडऩे जाने से भी और भी कई मामलों से पर्दा उठ सकता है.
शरण देने वालों पर भी होगी कार्यवाही-
बताया गया है पुलिस अधिकारी इस मामले में अब और सख्त हो गए है, उनका कहना है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में आरोपी सरबजीतसिंह मोखा को शरण देने वालों पर भी कडी कार्यवाही की जाएगी, हालांकि पुलिस की टीमों हर तरफ से घेराबंदी कर रही है ताकि मोखा को पकड़ा जा सके.
इंदौर से दो कार्टून भरकर बुलाए थे रेमडेसिविर इंजेक्शन-
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह ने 23 व 28 अपे्रल को अम्बे ट्रेवल्स के जरिए इंदौर से दो कार्टून रेमडेसिविर इंजेक्शन बुलवाए थे, इंजेक्शनों की डिलेवरी लेने के लिए देवेश चौरसिया अम्बे ट्रेवल्स गया था. दोनों कार्टून लाकर सरबजीतसिंह मोखा के चेम्बर में लाकर रख दिए थे, जिसका सिटी अस्पताल में कोई रिकार्ड नहीं रहा.
कई मरीजों को लगवाए नकली इंजेक्शन-
मोरबी थाना गुजरात की पुलिस द्वारा फैक्टरी से नकली इंजेक्शन बरामद किए गए थे, इसी फैक्टरी से निर्मित इंजेक्शन ही इंदौर की ट्रांसपोर्ट से जबलपुर सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा ने बुलवाए रहे, जिन्हे सिटी अस्पताल में भरती मरीजों को लगवाया गया था.
18 हजार रुपए तक में बेचा है नकली इंजेक्शन-
खबर यह भी है कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा द्वारा अस्पताल में भरती मरीजों से एक नकली इंजेक्शन के 18 हजार रुपए तक लिए गए है, अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि अस्पताल में अभी तक कितने कोरोना के मरीज भर्ती हुए है, कितनों को इंजेक्शन लगाए गए है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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