पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में उखरी रोड गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन कम होने से पांच मरीजों की मौत के मामले में फिर एक नया मोड़ आ गया, पहले तो अस्पताल के संचालक ने 25 लाख रुपए में 5 लोगों की मौत का सौदा कर लिया, रेडक्र ास सोसायटी में यह राशि जमा कर दी, संचालक को क्लीन चिट दी जाती, इससे पहले विरोध शुरु हो गया, चारों ओर इस घटनाक्रम को लेकर स्वर मुखर होने लगे, फिर क्या था, आनन फानन जांच रिपोर्टआ गई, जिसमें अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही सामने आई और देर रात ही प्रभारी सीएमएचओ संजय मिश्रा ने एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए गए. यहां तक कि अब गैलेक्सी अस्पताल प्रबंधन कोविड से पीडि़त मरीजों का इलाज भी नहीं कर पाएगा.
बताया गया है कि गैलेक्सी अस्पताल में 22 अप्रेल को आक्सीजन कम होने से पांच मरीजों की मौत हो गई थी, इस मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जांच के आदेश जारी कर दिए, जांच रिपोर्ट आती इससे पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्ट्रेट की रेडक्रास सोसायटी में 25 लाख रुपए का दान देकर पांच मौत का सौदा कर लिया, अस्पताल प्रबंधन को भी पूरी उम्मीद थी यह राशि दान में दिए जाने के बाद उन्हे क्लीन चिट मिल जाएगी, यह संभव भी हो जाता, लेकिन मामले में शहर में राजनैतिक दल के नेताओं से लेकर जनप्रतिनिधि, यहां तक कि आम आदमी ने आक्रोश जताया, मामले के तूल पकड़ते ही जांच समिति जो इतने दिनों से अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाई थी, देर रात ही जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि आक्सीजन कम होने पर डाक्टर व स्टाफ मौके से भाग गए थे, आक्सीजन सुपरवाइजर भी प्रशिक्षित नहीं था, जांच रिपोर्ट के बाद ही सीएमएचओ संजय मिश्रा ने जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर कराने के निर्देश दे दिए है.
अब कोविड के मरीज भरती नहीं किए जाएगें-
यहां तक कि सीएमएचओ संजय मिश्रा ने अपने आदेश में अस्पताल में कोविड के मरीजों को भरती करने पर भी रोक लगाते हुए अनुमति निरस्त कर दी है, वर्तमान में जो भी कोविड के मरीज भरती है, उनका उपचार करने के बाद डिस्चार्ज करने के आदेश दे दिए गए है.
इनकी हुई थी मौत-
बताया जाता है कि 22 अप्रेल की रात दो बजे के लगभग गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन खत्म होने के कारण अनिल शर्मा निवासी पटैल नगर, देवेन्द्र कुररिया निवासी विजय नगर गोमती राय निवासी गाडरवारा जिला नरसिंहपुर, आनंद शर्मा निवासी छिंदवाड़ा की मौत हो गई थी, मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने संयुक्त कलेक्टर शाहिद खान की अनुवाई में जांच समिति का गठन किया था, जो 17 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाई, लेकिन 25 लाख रुपए की सौदेबाजी की बात सामने आने के बाद ही जांच रिपोर्ट देर रात प्रस्तुत कर दी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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