पवित्र महीने रमजान के बाद अल्लाह की नेमतों को पाने के लिए देशभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा.
रमजान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद ईद मनाई जाती है. ईद मुस्लिम समुदाय का प्रमुख त्योहार है. पवित्र महीने रमजान के बाद अल्लाह की नेमतों को पाने के लिए देशभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा. ईद-उल-फितर का त्योहार चांद के निकलने पर निर्भर करता है.
पवित्र रमजान के बाद ईद का यह त्योहार रमजान के पूरे होने की खुशी में मनाया जाता है. ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है. इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फित्र और ईद उल जुहा. रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फित्र मनाई जाती है.
इस बार मीठी ईद 4 मई को मनाई जाएगी. रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फितर के इस मुबारक दिन सुबह के वक्त मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में जमा होकर ईद की नमाज अदा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों को ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा करनी होगी. ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है.
नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है. फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है. इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा ने लकी चार्म्स की वर्षा की
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