भूमि पेडनेकर: मैं सिर्फ अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं!

भूमि पेडनेकर: मैं सिर्फ अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं!

प्रेषित समय :07:48:53 AM / Thu, May 13th, 2021

सुभाष शिरढोनकर. भूमि पेडनेकर ने एक्टिंग करियर की शुरुआत शरत कटारिया के निर्देशन में बनी ’दम लगा के हईशा’ (2015) के साथ की थी। इसमें उनके हीरो आयुष्मान खुराना थे। भूमि की वह पहली ही फिल्म ’बॉक्स ऑफिस’ के लिए अच्छी खासी हिट साबित हुई थी।

कैरियर की दूसरी ही फिल्म ’टॉयलेट एक प्रेमकथा’ (2017) में भूमि को अक्षय कुमार के अपोजिट काम करने का अवसर मिला। श्री नारायण सिंह द्वारा निर्देशित यह फिल्म जबर्दस्त हिट रही।

’शुभ मंगल सावधान’ (2017) में वह एक बार फिर आयुष्मान के अपोजिट नजर आई। उनकी यह फिल्म भी हिट रही और इसके साथ ही आयुष्मान के साथ उनकी जोड़ी बन गई।

’सांड की आंख’ (2019) ’बाला’ (2019) और ’पति पत्नी और वो’ (2019) ने भूमि पेडनेकर की पोजीशन को काफी मजबूत किया। एक ही साल में तीन तीन हिट देने के बाद भूमि पेडनेकर, फिल्म मेकर्स की पसंदीदा अभिनेत्री बन गईं।

भारतीय परिधान साड़ी में बेहद खूबसूरत नजर आने वाली भूमि पेडनेकर ने खुद को अच्छी एक्ट्रेस साबित करने के लिए सबसे कम वक्त लेकर एक कीर्तिमान बनाया है। भूमि की खासियत है कि वह अपने हर नये किरदार के हिंसाब से खुद के अंदर जबर्दस्त बदलाव लाती हैं।

भूमि पेडनेकर के अंदर उनकी पहली फिल्म ’दम लगा के हईशा’ (2015) से लेकर ’दुर्गामती’ (2019) तक गजब का बदलाव आया है। आजकल वह भी दूसरी एक्ट्रेस की तरह बेहद खूबसूरत और सेक्सी नजर आने लगी है। प्रस्तुत है भूमि पेडनेकर के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंशः

आपकी पिछली फिल्म ’दुर्गामती’ एक हीरोइन ओरियंटेंड फिल्म थी लेकिन उसे ऑडियंस का ज्यादा अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल सका ?

पहले इस तरह की फिल्मों को बमुश्किल कामयाबी मिल पाती है लेकिन पिछले कुछ सालों से बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। इस तरह की फिल्में जबर्दस्त सफलता अर्जित कर रही हैं। इस बात की मुझे खुशी है कि अब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में हीरोइन को स्ट्रॉंग रोल मिलने शुरू हो चुके हैं और ’दुर्गामती’ (2020) एक ऐसी ही फिल्म थी लेकिन कोरोना ने फिल्मों की कामयाबी पर ग्रहण लगा दिया है।

देखा गया है कि आपकी फिल्म भले न भी चले लेकिन आप अपने किरदार के जरिये उसमें भी छा जाती हैं ?

उसकी सिर्फ एक ही वजह है कि फिल्म या मेरा किरदार चाहे जैसा हो लेकिन मैं सिर्फ अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं।

हर एक्टर के कैरियर में उसकी पहली फिल्म अत्यंत महत्व रखती है। आपकी पहली फिल्म ’दम लगा के हईशा’ (2015) आपको किन अर्थों में महत्वपूर्ण लगती है ?

वह, मेरे कैरियर के लिए हमेशा एक खास फिल्म रहेगी क्योंकि इसने मुझे एक कीमती सबक सिखाया है। इसने मुझे सपने देखने, नई तलाश करने और एक कलाकार के तौर पर हर फिल्म के साथ बड़े जोखिम उठाने के लिए प्रेरित किया है।

खबर आ रही है कि ’सांड की आंख’ (2019) के बाद आप एक बार फिर से तापसी पन्नू के साथ एक फिल्म करने जा रही हैं ?

टी.सिरीज इसकी प्लानिंग कर रहे हैं। फिल्म की कहानी को प्रसून जोशी डेवलप कर रहे हैं। संभवतः इसे आदित्य धर डायरेक्ट करेंगे और यह एक फीमेल सेंट्रिक वार फिल्म होगी। मुझे खुशी है कि इसके जरिये मुझे तापसी के साथ एक बार फिर काम करने का अवसर मिल रहा है।

जिस तरह से आपका करियर आगे बढ़ रहा है, क्या उसे लेकर आप संतुष्ट हैं ?

जी बिलकुल। मुझे उम्मीद से कहीं ज्यादा मिला है और मिल रहा है। मेरे पास कुछ बेहद शानदार फिल्में हैं। सारी की सारी फिल्में ऐसी हैं जो किसी कलाकार की जिंदगी में बस एक बार ही आती हैं लेकिन मैं लकी हूं कि मुझे इस तरह के अवसर बार बार मिल रहे हैं।  

क्या आपको यकीन है कि आप बॉलीवुड में एक एक्ट्रेस को सम्मानपूर्ण दर्जा दिला पाने में कामयाब हो सकेंगी ?

इस तरह का बदलाव शुरू हो चुका है। अब एक एक्ट्रेस के नाते मुझसे यह अपेक्षा नहीं की जाती कि मैं सिर्फ ग्लैमर पैदा करने वाली चीज बनकर रह जाऊं। इससे बढकर ऐसी कई बातें हैं जो लोग मुझसे चाहते हैं। मुझे लगता है कि यदि मैं खुद पर भरोसा करूं और खुद को आखिरी हद तक ले जाऊं तो अपना मन चाहा हासिल करते हुए अपने हुनर के जरिये खुद को सम्मान दिला सकती हूं।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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