एमपी में शराब ठेके का लाइसेंस महंगा, लाइसेंस फीस दुगुनी, 10 माह के लिए दिए जाएंगे ठेके

एमपी में शराब ठेके का लाइसेंस महंगा, लाइसेंस फीस दुगुनी, 10 माह के लिए दिए जाएंगे ठेके

प्रेषित समय :18:03:01 PM / Fri, May 14th, 2021

भोपााल. मध्यप्रदेश में शराब ठेके का लाइसेंस महंगा कर दिया गया है.  अब लाइसेंस फीस 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है.  शराब दुकानों के अगले ठेके 10 महीनों के लिए बढ़ी हुई दर से ही दिए जाएंगे.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में वाणिज्यिक कर विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.  इसके अलावा अब लोगों को देशी शराब की छोटी 90 एमएल की बोतल भी उपलब्ध होगी.  सरकार ने यह निर्णय जहरीली शराब की बिक्री रोकने के लिए लिया है.  अभी तक 180 एमएल से कम शराब की बिक्री नहीं हो सकती थी. 

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इस बार ऐसी आबकारी नीति लागू की है, जिसमें आमदनी अधिक हो और ठेकेदारों पर बोझ न पड़े.  यही वजह है, जिन ठेकेदारों के पास शराब दुकानों को के ठेके हैं, उन्हें लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर अगले 10 महीनों के लिए ठेके देने का निर्णय लिया है.  जिन जिलों में ठेकेदार 10 प्रतिशत की वृद्धि से सहमत नहीं होंगे, वहां छोटे-छोटे ग्रुप में टेंडर कराए जाएंगे. 

11 मई को पिछली बैठक में लाइसेंस फीस 5 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव था, लेकिन गृह मंत्री ने यह तर्क देकर विरोध किया था कि शराब से कारोबारी खूब कमाते हैं, इसलिए लाइसेंस फीस ज्यादा बढ़ाई जाना चाहिए.  इस पर मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को टाल दिया था.  वाणिज्यिक कर विभाग के एक अफसर ने बताया कि चूंकि प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते शराब की दुकानें 10 अप्रैल से बंद हैं.  अभी जल्दी खुलने की संभावना भी कम है.  ऐसे में मौजूदा हालातों और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए नई नीति लागू करने के बजाय वर्तमान लाइसेंस फीस में 5 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट में भेजा गया.  जिसे टाल दिया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10त्न करने का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है. 

ये निर्णय भी हुए

- प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत बनने वाले मकानों के लिए अब राजस्व विभाग नजूल की जमीन लीज पर नहीं, बल्कि भू स्वामी हक के आधार पर उपलब्ध कराएगा.  पहले जिन्हें आवास मिल चुके हैं, उसे भी भू-स्वामी हक माना जाएगा.  इसमें भूमि परिवर्तन या प्रीमियम की राशि नहीं ली जाएगी. 

- इंदिरा सागर परियोजना में डूब क्षेत्र के प्रभावित 2392 परिवारों को पूर्व में दिए गए पट्टे को भू स्वामी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है. 

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