पटना. बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल की अनुमति पटना एम्स को मिल गई है. एम्स में इसी माह के अंत तक 2 से 18 साल तक के बच्चों का वैक्सीन ट्रायल शुरू होगा, जिसको लेकर एम्स प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट की कमिटी के गठन भी कर लिया गया है. एम्स के नोडल ऑफिसर डॉ संजीव ने कहा कि कोवैक्सीन का पहला ट्रायल भी पटना एम्स में ही हुआ था और उस अनुभव का फायदा एम्स को मिलेगा.
जानकारी के अनुसार सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के लिए ट्रायल की सिफारिश की थी, जिसके बाद अब इसके ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. डॉ संजीव ने कहा कि डीजीसीआई से ट्रायल की हरी झंडी मिलते ही भारत बायोटेक ने पटना एम्स को अनुमति दी है.
डॉ संजीव के अनुसार 2 से 18 साल तक के 1000 से 2000 बच्चों पर ट्रायल होगा, जिसको लेकर एम्स प्रशासन ने अभिभावकों से बच्चों को ट्रायल में शामिल करने की अपील भी की. दरअसल एक्सपट्र्स ने अंदेशा जताया है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो वो बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है.
गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर कोवैक्सीन को विकसित किया है. कंपनी इसकी प्रोडक्शन और मार्केटिंग भी कर रही है. बता दें कि पटना एम्स में बीते साल कोरोना के कहर के दौरान वयस्कों के लिए वैक्सीन का तीन चरणों में ट्रायल किया गया था. एम्स में किए गए ट्रायल के तहत पटना एम्स में पहले चरण में 46 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. दूसरे चरण में 48 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. दोनों परीक्षण पूरी तरह से सफल रहे थे.
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