आईएमए एलोपैथी के खिलाफ रामदेव के बयान पर नाराज, कहा- स्वास्थ्य मंत्री उनके आरोप मानें या उन पर मुकदमा चलाएं

आईएमए एलोपैथी के खिलाफ रामदेव के बयान पर नाराज, कहा- स्वास्थ्य मंत्री उनके आरोप मानें या उन पर मुकदमा चलाएं

प्रेषित समय :17:35:01 PM / Sat, May 22nd, 2021

नई दिल्ली. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने योग गुरु बाबा रामदेव के उस बयान पर अपना नाराजगी जाहिर की है, जिसमें उन्होंने एलोपैथी के खिलाफ बोला है. इसके साथ ही आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से रामदेव के ऊपर कार्रवाई करने की भी मांग की है. दरअसल सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो चल रहा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एलोपैथी के खिलाफ बोला है.

मेडिकल एसोसिएशन ने इसी संदर्भ में शनिवार को एक प्रेस रिलीज जारी किया है. आईएमए ने मांग की है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री या तो उनके आरोपों को मानते हुए आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को खत्म कर दे या फिर उनके ऊपर महामारी रोग अधिनियम  के तहत मामला दर्ज किया जाए और मुकदमा चलाया जाए.

आईएमए ने अपने बयान में धमकी देते हुए कहा है कि अगर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे कानूनी कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाएंगे. शीर्ष मेडिकल संस्था ने अपने पत्र में कहा है कि बाबा रामदेव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित योगगुरु होने के साथ ही वे एक दवा कंपनी से भी जुड़े हैं और जनता को गुमराह करने के मकसद से कई बार उन्हें अपनी दवा कंपनी के उत्पादों के बारे में झूठ बोलते देखा गया है.

सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बाबा रामदेव कथित तौर पर एलोपैथी को एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस बताते नजर आते हैं. वे वीडियो में कहते हैं, एलोपैथी एक ऐसी स्टूपिड और दिवालिया साइंस है. पहले मोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर इनके एंटीबायोटिक्स फेल हो गए, फिर स्टेरॉयड इनके फेल हो गए, प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया. बुखार के लिए जो फेविफ्लू दे रहे थे, वो भी फेल हो गया. जितने भी दवाइयां दे रहे हैं. ये तमाशा हो क्या रहा है?

डॉक्टरों की शीर्ष संस्था ने एक बयान में कहा कि रामदेव पर महामारी रोग कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए क्योंकि अशिक्षित बयान देश के शिक्षित समाज के लिए एक खतरा है और साथ ही गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं. आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत रेमडेसिविर, फैविफ्लू और सभी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों के इलाज में विफल हो गई हैं. उसने आरोप लगाया कि रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर तथा आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें. उसने कहा, आईएमए मांग करती है और यह संकल्प लेती है कि अगर मंत्री (हर्षवर्धन) स्वत: संज्ञान कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हमें आम आदमी के समक्ष सच्चाई लाने के संघर्ष के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा और न्याय पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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