नजरिया. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने एग्जीक्यूटिव डायरेक्घ्टर सुरेश जाधव के उस बयान से पल्ला झाड़ लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने उपलब्ध भंडार पर सोचे-समझे बगैर अलग-अलग आयु वर्ग के लिए कोरोना का टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया.
अब एसआईआई का कहना है कि यह ‘कंपनी का विचार नहीं है.
खबरों की मानें तो पुणे के एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 22 मई 2021 को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हाल ही उसके एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव का बयान कंपनी का बयान नहीं है.
पत्र में कहा गया है कि- अपने सीईओ अदार सी. पूनावाला की तरफ से मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि यह बयान एसआईआईपीएल की ओर से जारी नहीं किया गया है, लिहाजा इस बयान से कंपनी खुद को अलग करती है और यह बात फिर से दोहराई जाती है कि यह कंपनी का विचार बिल्कुल नहीं है.
याद रहे, देश में कोविड-19 की वैक्सीन की कमी के बीच एसआईआई के ईडी सुरेश जाधव ने कहा था कि टीके के उपलब्ध भंडार और डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देश पर विचार किए बगैर सरकार ने विभिन्न आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया.
बहरहाल, कंपनी की अपनी मजबूरी हो सकती है, जिसके तहत उसने जाधव के बयान से मुक्ति पा ली है, लेकिन सच्चाई तो सामने आ ही चुकी है कि बगैर वैक्सीन की उपलब्धता के वैक्सीनेशन उत्सव का ऐलान मोदी सरकार ने कर दिया.
अब तीन ही रास्ते हैं, एक- विदेशों से वैक्सीन खरीदी जाए, दो- देश में अन्य कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दी जाए, या फिर, तीन- ऐसे ही घसीटते हुए वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलने दिया जाए!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में एक हफ्ते और बढ़ा लॉकडाउन, सीएम केजरीवाल ने की घोषणा
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