आचार्यश्री ऋषभ विजय ने भौतिक शरीर तो त्याग दिया, लेकिन आध्यात्मिक प्रकाश सदैव रहेगा!

आचार्यश्री ऋषभ विजय ने भौतिक शरीर तो त्याग दिया, लेकिन आध्यात्मिक प्रकाश सदैव रहेगा!

प्रेषित समय :08:01:50 AM / Sat, Jun 5th, 2021

निरंजन द्विवेदी. श्रीमोहनखेड़ा तीर्थ के गुरुओं का आशीर्वाद सदैव मुझे मिलता रहा है. गुरु रवींद्र विजय महाराज, ऋषभ विजय महाराज और मेरे पिताश्री दिवंगत पंडित लक्ष्मीनारायण द्विवेदी के मार्गदर्शन में ही मुझे ज्योतिष सीखने-समझने का अवसर मिला.

संत ऋषभ विजय के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा- श्रीमोहनखेड़ा तीर्थ के प्रसिद्ध संत, परम पूज्य, श्री ऋषभ देव महाराज जी ने अपना भौतिक शरीर त्याग दिया. वे धर्म, सेवा और कल्याण की पुण्य ज्योत थे. उनके मंगलकारी विचार हमें मानवता और धर्म की सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे. उनका आशीर्वाद सदैव बना रहे! विनम्र श्रद्धांजलि!

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा- आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वर जी का देवलोक गमन हो गया है. वे संत होने के साथ समाजसेवी भी थे और नेक इंसान भी थे. हमारे लगभग 30 वर्षों से संबंध थे. उनके सादर चरणों में नमन भावभीनी श्रद्धांजलि!

खबर है कि धार जिले के मोहनखेड़ा महातीर्थ के ज्योतिषाचार्य, वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवंत ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का शुक्रवार सुबह 6 बजे अंतिम संस्कार किया गया. मोहनखेड़ा तीर्थ परिसर में 8 क्विंटल चंदन की लकड़ी से अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार सेे पहले मोहनखेड़ा तीर्थ से आचार्यश्री की डोल यात्रा राजगढ़ नगर होते हुए तीर्थ परिसर तक निकाली गई. देश-विदेश के भक्तों ने ऑनलाइन ही आचार्यश्री के दर्शन किए.

आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी ने बुधवार देर रात 1.44 बजे इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में देह त्याग दी थी, जहां से उन्हें मोहनखेड़ा ले जाया गया था.

त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन, ओमप्रकाश सकलेचा, राजवर्धन दात्तीगांव ने मोहनखेड़ा पहुंच कर आचार्यश्री को अंतिम विदाई दी.

उल्लेखनीय है कि मोहनखेड़ा तीर्थ में संत आचार्यश्री ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, उद्योगपति गौतम अडाणी, अभिनेत्री हेमा मालिनी, अभिनेता सनी देओल, मशहूर गायक दलेर मेहंदी सहित फिल्म, उद्योग और राजनीतिक जगत की अनेक हस्तियां आशीर्वाद लेने आती थीं.

जीवन भर मानव सेवा को समर्पित संत आचार्य श्री ऋषभचंद्र सूरीश्वर के सद्कार्यों को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है. जब उन्होंने कोरोना का कहर देखा, तो केवल 3 दिन में 300 बेड का अस्पताल बनवा दिया था. यही नहीं, सर्वसमाज के लिए उन्होंने वर्ष 1984 में मानव सेवा चिकित्सालय की स्थापना की जो आज इस संपूर्ण क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है.

उनके मार्गदर्शन में समय-समय पर असंख्य नेत्र चिकित्सा शिविर, चिकित्सा शिविर, विकलांगों के लिए शिविर, उनके उपकरण, अपाहिजों को ट्राइसाइकिल, महिलाओं को सिलाई मशीनें, गरीबों को अनाज, कटे फटे होठों के निशुल्क ऑपरेशन शिविरों का आयोजन आदि किया गया.

उनकी सटीक भविष्यवाणियां लोगों को सतर्क करने के साथ-साथ राहत की उम्मीद भी जगाती रही हैं. कुछ समय पहले ही उन्होंने कोरोना से सतर्क रहने के साथ-साथ जल्दी ही इससे मुक्ति की भविष्यवाणी भी की थी.

ऋषभ विजय महाराज श्रेष्ठ संत, श्रेष्ठ धर्माचार्य, श्रेष्ठ ज्योतिषाचार्य थे. उनका जन्म 4 जून 1957 को सियाणा, राजस्थान में हुआ था. उनके पिता के निधन के बाद माता रत्नावती ने अपनी तीनों संतानों को उत्तम धार्मिक संस्कार प्रदान किए.

उनकी माता ने साध्वी दीक्षा ग्रहण की और साध्वी श्री पीयूषलताश्रीजी म.सा. कहलाईं, जबकि उनके बड़े भाई नथमलजी ने भी दीक्षा ग्रहण की, जो आचार्यश्री श्री रवींद्र सूरिश्वरजी स्वरूप प्रसिद्ध हुए.

आचार्यश्री विद्याचंद सूरीजी म.सा. ने 23 जून 1980 को श्री मोहनखेड़ा मे उन्हें दीक्षा प्रदान की और वे मुनि ऋषभचंदविजयजी स्वरूप विख्यात हुए. उन्हें वर्ष 2017 में श्री मोहनखेड़ा तीर्थ मे आयोजित कार्यक्रम मे आचार्यश्री की पदवी प्रदान की गई.

आचार्यश्री भले ही सशरीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति सदैव हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी!

https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1400293282597330948

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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